रिन्यूएबल एनर्जी में सबसे बड़ी डील, अडानी ग्रीन ने एसबी एनर्जी को खरीदा

नई दिल्ली: बुधवार को अडानी समूह की ओर से एक बड़ी डील की घोषणा की गई। अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने जापान के सॉफ्टबैंक और भारत के भारती समूह से बड़ी डील साइन की। अडानी ग्रीन ने एसबी एनर्जी में सॉफ्टबैंक ग्रुप और भारती ग्रुप की क्रमशः 80 फीसदी और 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। 

इसके तहत कंपनी की ओर से एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण किया जाएगा। यह सौदा 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 25,500 करोड़ रुपये) का है। इससे अडानी के रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो में 4,954 मेगावॉट की क्षमता जुड़ जाएगी। 

अडानी ग्रीन की ओर से एसबी एनर्जी की 100 फीसदी हिस्सेदारी ली जाएगी। इस अधिग्रहण से अडानी ग्रीन की क्षमता में 4954 मेगावॉट की बढ़ोतरी होगी। कंपनी के पोर्टफोलियो में सोलर, विंड और सोलर-विंड हाइब्रिड प्रोजेक्ट शामिल हैं। इनमें से 1,400 मेगावॉट की परियोजनाएं चल रही हैं, वहीं अन्य पर काम चल रहा है। सभी प्रोजेक्ट्स के पास 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट है। 

इस डील से अडानी ग्रीन की क्षमता 24,300 मेगावॉट हो गई है। कंपनी ने 2025 तक 25,000 मेगावॉट क्षमता का लक्ष्य रखा है और अब वह इससे महज 700 मेगावॉट दूर रह गई है। रीन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भारत की अब तक की सबसे बड़ी डील है। साल 2016 में टाटा पावर की वेलस्पन एनर्जी के साथ हुई करीब 10 हजार करोड़ की डील सबसे बड़ी थी। 

इस सौदे की खबर आते ही बुधवार को अडानी ग्रीन के शेयरों में 5 फीसदी तक उछाल आ गया। अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 5 फीसदी चढ़कर 1258.85 रुपये तक चले गए। पिछले कारोबारी दिन यह 1198.75 के स्तर पर बंद हुआ था। 

इस सौदे का असर यह भी होगा कि एसबी एनर्जी भारतीय बाजार से बाहर हो जाएगी। एसबी एनर्जी करीब दो साल से अपने पोर्टफोलियो को बेचने पर विचार कर रही थी। अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक बयान में कहा, ‘यह अधिग्रहण जनवरी 2020 में हमारे द्वारा बताए गए विजन की दिशा में एक और कदम है, जिसमें हमने 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी सौर कंपनी बनने और उसके बाद 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल कंपनी बनने की योजना बताई थी। हम अपने घोषित लक्ष्य को तय समय सीमा से चार साल पहले ही हासिल कर सकते हैं। 

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