कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने करोड़ों अंशधारकों के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। सोमवार को श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में आंशिक निकासी के नियमों को सरल और उदार बनाया गया है। अब सदस्य अपने ईपीएफ खाते से कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंश सहित पूरी राशि निकाल सकेंगे।

13 जटिल नियमों की जगह अब सिर्फ तीन श्रेणियां

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आंशिक निकासी से जुड़े 13 जटिल प्रावधानों को एक सरल नियम में समाहित किया जाएगा। अब निकासी को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है —

  1. आवश्यक जरूरतें: बीमारी, शिक्षा और विवाह जैसी स्थितियां

  2. आवास संबंधी जरूरतें: घर खरीदने, निर्माण या मरम्मत से जुड़ी मांगें

  3. विशेष परिस्थितियां: बेरोजगारी या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति

सेवा अवधि घटाकर 12 माह की गई

अब आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि घटाकर केवल 12 महीने कर दी गई है। इसके साथ ही शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा क्रमशः तीन बार तक ही थी।

‘विश्वास योजना’ से जुर्माने में राहत

लंबित मामलों और देरी से पीएफ जमा पर भारी जुर्माने को कम करने के लिए ईपीएफओ ने नई ‘विश्वास योजना’ शुरू की है। इसके तहत अब विलंबित जमा पर जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह कर दिया गया है। वर्तमान में संगठन के पास लगभग ₹2,406 करोड़ की बकाया राशि और 6,000 से अधिक मुकदमे लंबित हैं। यह योजना छह महीने तक लागू रहेगी, जिसे आवश्यकता पड़ने पर आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

डिजिटल सेवाओं और प्रक्रियाओं में सुधार

ईपीएफओ ने अपनी सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

  • EPFO 3.0 नामक क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म को मंजूरी दी गई है, जिससे दावों का निपटान और फंड प्रबंधन तेज़ व स्वचालित होगा।

  • फाइनल सेटलमेंट की अवधि दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन निकासी अवधि दो से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है।

  • आंशिक निकासी की प्रक्रिया अब ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट सिस्टम के तहत होगी।

पेंशनर्स के लिए घर बैठे सुविधा

ईपीएफओ ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ करार किया है। इसके तहत ईपीएस-95 पेंशनर्स अब अपने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) घर बैठे जमा कर सकेंगे। यह सेवा पूरी तरह निशुल्क होगी।

निवेश और ब्याज पर फोकस

संगठन ने चार फंड मैनेजरों को पांच साल की अवधि के लिए नियुक्त किया है ताकि निवेश पोर्टफोलियो को विविध और सुरक्षित बनाया जा सके। साथ ही, अंशधारकों के खाते में न्यूनतम 25% राशि बनाए रखने का प्रावधान रखा गया है ताकि 8.25% ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता रहे।

इन सभी बदलावों का उद्देश्य ईपीएफ अंशधारकों को अधिक लचीलापन, पारदर्शिता और डिजिटल सुविधा प्रदान करना है। संगठन का दावा है कि नए नियमों से निकासी प्रक्रिया सरल होगी और अंशधारकों को उनके फंड पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।