नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद भारतीय निवेशकों में गोल्ड बार और कॉइन की खरीदारी का रुझान तेजी से बढ़ा है। सितंबर तिमाही में निवेश के रूप में सोने की खरीद 10 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ऊंची हिस्सेदारी मानी जा रही है।

WGC के इंडिया ऑपरेशन के सीईओ सचिन जैन ने कहा कि निवेशक अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए गोल्ड को एक मुख्य निवेश साधन के रूप में अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि “पिछले कुछ समय में ऐसे निवेशक भी सोने की ओर आकर्षित हुए हैं, जो पहले इस सेक्टर में सक्रिय नहीं थे।”

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता देश भारत में सितंबर तिमाही के दौरान निवेश मांग सालाना आधार पर 20% बढ़कर 91.6 मीट्रिक टन हो गई। वैल्यू के लिहाज से यह वृद्धि 67% रही और यह आंकड़ा 10.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, कुल सोना उपभोग 16% घटकर 209.4 टन पर आ गया, जबकि ज्वेलरी की मांग 31% कम होकर 117.7 टन दर्ज की गई।

सोने के दामों में रिकॉर्ड उछाल
WGC के मुताबिक, जून की शुरुआत में घरेलू बाजार में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थीं। पिछले साल 21% बढ़ोतरी के बाद, 2025 में अब तक सोने के दामों में करीब 56% की वृद्धि देखी गई है। इस दौरान कुल सोना उपभोग में निवेश मांग का हिस्सा 40% रहा, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।

ETF में भी बढ़ा निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, सितंबर महीने में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 83.63 अरब रुपये का रिकॉर्ड निवेश हुआ। जैन ने बताया कि दिसंबर तिमाही में मांग और बढ़ने की उम्मीद है, जिसे त्योहारों और शादी के सीजन से बल मिलेगा।

हालांकि, मौसमी सुधार के बावजूद WGC का अनुमान है कि वर्ष 2025 में कुल सोना मांग 600 से 700 मीट्रिक टन के बीच रह सकती है।