नई दिल्ली: जैनिक पावर एंड केबल्स लिमिटेड का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) 10 जून से निवेश के लिए खुल चुका है। यह एक पूरी तरह फ्रेश इश्यू है, जिसके ज़रिये कंपनी लगभग ₹51 करोड़ जुटाने की योजना में है। इस इश्यू के अंतर्गत 46.63 लाख नए इक्विटी शेयर जारी किए जा रहे हैं।
निवेशकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया
इश्यू के पहले ही दिन निवेशकों ने अच्छा उत्साह दिखाया। कुल इश्यू 71% तक सब्सक्राइब हुआ, जिसमें रिटेल निवेशकों की श्रेणी में 94% और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटेगरी में 65% तक बुकिंग दर्ज की गई।
ग्रे मार्केट में दिखी मजबूती, GMP ₹7 तक पहुंचा
आईपीओ खुलते ही ग्रे मार्केट में भी इस इश्यू को लेकर हलचल देखने को मिली। बाजार सूत्रों के अनुसार, कंपनी के अनलिस्टेड शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम ₹7 तक पहुंच गया है, जो इसके ऊपरी प्राइस बैंड ₹110 पर 6.3% का प्रीमियम दर्शाता है।
प्राइस बैंड और निवेश की शर्तें
इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹100 से ₹110 प्रति शेयर तय किया गया है। खुदरा निवेशक कम से कम 1200 शेयरों के लॉट में निवेश कर सकते हैं, जिसके लिए न्यूनतम राशि ₹1.20 लाख तय है। यदि कट-ऑफ प्राइस पर बोली लगाई जाती है, तो यह राशि ₹1.32 लाख तक जाती है। HNI निवेशकों के लिए न्यूनतम दो लॉट (2400 शेयर) का आवेदन आवश्यक है, जिसकी कीमत लगभग ₹2.64 लाख होती है।
कंपनी का प्रोफाइल
जैनिक पावर एंड केबल्स लिमिटेड की स्थापना मई 2011 में हुई थी। कंपनी वर्ष 2023 से एल्यूमिनियम वायर रॉड का निर्माण कर रही है। इससे पहले यह एल्युमिनियम रॉड्स के व्यापार में सक्रिय थी। इसकी निर्माण इकाई हरियाणा के सोनीपत में स्थित है, जिसे ISO 9001:2015 और ISO 45001:2018 प्रमाणन प्राप्त है। कंपनी स्पेक्ट्रोमीटर-आधारित टेस्टिंग तकनीक का उपयोग करती है ताकि उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। इसके उत्पाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बेचे जाते हैं।
वित्तीय प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2025 (31 मार्च को समाप्त) में कंपनी की कुल आय बढ़कर ₹352.38 करोड़ हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में ₹339.23 करोड़ थी। 2023 में यह आंकड़ा केवल ₹67.49 करोड़ था। शुद्ध लाभ की बात करें तो FY 2025 में कंपनी ने ₹9.24 करोड़ का लाभ अर्जित किया, जबकि FY 2024 में यह ₹5.02 करोड़ और 2023 में मात्र ₹15 लाख रहा था।
फंड का उपयोग
IPO से प्राप्त राशि को कंपनी विभिन्न अहम कार्यों के लिए उपयोग में लाएगी। इसमें से सबसे बड़ी राशि, ₹23.50 करोड़, कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में लगाई जाएगी। वहीं, ₹10.99 करोड़ नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना और संबंधित खर्चों पर खर्च होंगे। इसके अलावा, ₹5 करोड़ का उपयोग कंपनी द्वारा लिए गए कुछ कर्जों के आंशिक पुनर्भुगतान में किया जाएगा। बाकी राशि सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताओं और इश्यू से संबंधित खर्चों को पूरा करने में इस्तेमाल की जाएगी।