हाल ही में शेयर बाजारों में देखी गई अस्थिरता और सोने की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के चलते निवेशकों का रुझान अब हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की ओर बढ़ने लगा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल माह में हाइब्रिड फंड्स में निवेश में उल्लेखनीय तेजी देखी गई। इस दौरान इस श्रेणी में 14,247.55 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जबकि मार्च में यहां से 946.56 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी।

बाजार की अनिश्चितता से बढ़ी हाइब्रिड फंड्स की मांग

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता, जैसे रूस-यूक्रेन संकट के नए संकेत और अमेरिका की टैरिफ नीतियों को लेकर बनी अनिश्चितता, निवेशकों में असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। ऐसे माहौल में हाइब्रिड फंड्स एक संतुलित निवेश विकल्प के रूप में उभरे हैं, जो जोखिम कम करने के साथ-साथ बेहतर प्रतिफल देने की क्षमता रखते हैं।

हाइब्रिड फंड्स: विविध संपत्तियों में संतुलित निवेश

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स की खासियत यह है कि ये एक साथ कई परिसंपत्ति वर्गों—जैसे इक्विटी, डेट, गोल्ड और रियल एस्टेट—में निवेश करते हैं। हर फंड में यह अनुपात अलग होता है, लेकिन सभी का उद्देश्य जोखिम और लाभ के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। इस मिश्रित पोर्टफोलियो की वजह से बाजार की गिरावट का असर सीमित रहता है और साथ ही संभावित बढ़त का लाभ भी मिल सकता है।

बेहतर रिटर्न का बना ट्रैक रिकॉर्ड

बीते कुछ वर्षों के प्रदर्शन को देखें तो कई हाइब्रिड फंड्स ने मजबूत रिटर्न दिए हैं। उदाहरण के लिए, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड का बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पिछले तीन वर्षों में 13.55% का रिटर्न दे चुका है, वहीं उसका मल्टी एसेट एलोकेशन फंड इसी अवधि में 17.99% का लाभ दे चुका है, जो सोने और चांदी जैसी कमोडिटीज़ में भी निवेश करता है।

कोटक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और एसबीआई जैसे प्रमुख फंड हाउसों के हाइब्रिड फंड्स ने भी बीते तीन सालों में 10% से अधिक का रिटर्न दिया है। हाल ही में सोने की कीमतों में आई तेजी ने इन फंड्स की प्रदर्शन क्षमता को और मजबूती दी है।

हर मौसम के लिए उपयुक्त विकल्प

हाइब्रिड फंड्स को "ऑल-वेदर इन्वेस्टमेंट" भी कहा जाता है, क्योंकि ये व्यापक बाजार संकेतों और वैल्यूएशन के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर समायोजित करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह लचीलापन नकारात्मक परिस्थितियों में भी अपेक्षाकृत सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने में मदद करता है।

यही कारण है कि अस्थिर वित्तीय परिवेश में यह म्यूचुअल फंड कैटेगरी निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।