दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस पावर लिमिटेड (RPL) के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी कथित फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग से जुड़े मामले में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, अशोक को गुरुवार रात दिल्ली स्थित उनके ऑफिस से पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया। उन्हें आज न्यायालय में रिमांड के लिए पेश किया जाएगा।
ED के सूत्रों का कहना है कि अशोक कुमार पाल पर आरोप हैं कि उन्होंने कंपनी की वित्तीय साख का दुरुपयोग करते हुए SECI के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) टेंडर से जुड़ी फाइलों और दस्तावेज़ों का गलत इस्तेमाल किया। इसके तहत उन्होंने 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा कराई। इस घोटाले में उनकी योजना, निगरानी और फंडिंग की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि अशोक ने Biswal Tradelink Pvt. Ltd. जैसी छोटी कंपनियों को बैंक गारंटी जारी करने के लिए चुना, जिनके पास असली बैंक गारंटी जारी करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस कंपनी के डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इसके अलावा अशोक पर फर्जी ट्रांसपोर्ट बिल के जरिए धन निकालने का भी आरोप है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से फाइलों को मंजूरी दी ताकि भुगतान कंपनी की आधिकारिक SAP या वेंडर सिस्टम के बाहर किया जा सके। घोटाले में फर्जी बैंक डोमेन का इस्तेमाल भी किया गया, जिससे आम जनता और निवेशकों को सीधा नुकसान पहुंचा।
यह गिरफ्तारी अनिल अंबानी के सामने वित्तीय चुनौतियों के बीच कंपनी के लिए एक और झटका साबित हो सकती है। हाल ही में ED ने अनिल अंबानी से भी पूछताछ की थी। RPL से जुड़े कुल 12,524 करोड़ रुपये के लोन में से 6,931 करोड़ रुपये नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित किए गए हैं।