अमेरिकी टैरिफ और इजरायल–ईरान संघर्ष से पैदा हुई वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय शेयर बाजार में बेचैनी बनी हुई है। ऐसे में ऐसे स्टॉक चुनना चुनौतीपूर्ण हो गया है जो इन उथल-पुथल को झेलकर भी आकर्षक रिटर्न दे सकें। इसी सिलसिले में एक पेनी स्टॉक ने पांच साल में धांसू बढ़त दिखाई है—हजूर मल्टी प्रोजेक्ट्स।
- शेयर मूल्य का 32,558% उछाल
जून 2020 में मात्र ₹0.12 पर ट्रेड होने वाला यह शेयर आज BSE पर ₹39.19 पर पहुंच चुका है। इसका मतलब, यदि किसी ने उस समय इस शेयर में ₹1,00,000 का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू लगभग ₹3.27 करोड़ होती। - ताजा कोविड-प्रभाव और अस्थिरता के बावजूद
शुक्रवार के कारोबार की शुरुआत इस शेयर ने ₹38.50 से की और बंद तक इसमें 2.5% की तेजी आकर ₹39.19 तक पहुंच गई। बावजूद इसके, यह स्टॉक शॉर्ट-टर्म में उतना दम नहीं दिखा पाया—पिछले 12 महीनों में इसके शेयरों में सिर्फ 13% की बढ़त रही। छह माह और इस वर्ष की शुरुआत से लेकर अभी तक इसकी कीमत करीब 21% व 27% गिर चुकी है, जबकि वर्ष की शुरूआत में इसके दाम ₹53 के पार थे। - वित्तीय नतीजों ने दिखाया दबाव
कंपनी के FY 2024‑25 की चौथी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 69% गिरकर ₹16.78 करोड़ पर आ गया (पिछले वर्ष की समान तिमाही में ₹53.93 करोड़ था)। रियल एस्टेट संचालन से राजस्व भी 46% लुढ़ककर ₹249 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष ₹464 करोड़ दर्ज हुआ था। - 20% डिविडेंड का एलान
30 मई 2025 को बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024‑25 के लिए प्रत्येक ₹1 फेस वैल्यू वाले शेयर पर ₹0.20 (20%) का अंतिम लाभांश मंजूर किया।
इस प्रकार, अस्थिर बाजार स्थितियों और कमजोर तिमाही नतीजों के बावजूद हजूर मल्टी प्रोजेक्ट्स ने लॉन्ग-टर्म निवेशकों को मल्टीबैगर लाभान्वित किया, जबकि शॉर्ट-टर्म में इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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