देश की प्रतिष्ठित कंपनियों में शुमार टाटा स्टील को वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़ी बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी को 1007.54 करोड़ रुपये के कथित इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) गड़बड़ी मामले में नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस केंद्रीय कर आयुक्त (ऑडिट), रांची की ओर से 27 जून को जारी किया गया है।
पांच साल की अवधि को लेकर उठे सवाल
नोटिस में आरोप है कि टाटा स्टील ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच कुल 1007.54 करोड़ रुपये का ITC गलत तरीके से लिया। विभाग ने इसे CGST और SGST कानूनों की धारा 74(1) तथा IGST अधिनियम की धारा 20 का उल्लंघन माना है। कंपनी को 30 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि इस राशि की वसूली क्यों न की जाए।
कंपनी ने जमा कर दिया है आधा टैक्स
कंपनी का कहना है कि उसने अब तक 514.19 करोड़ रुपये का GST पहले ही जमा कर दिया है, जो नियमित कारोबारी लेन-देन का हिस्सा है। शेष राशि को लेकर विभाग की आपत्ति पर कानूनी प्रक्रिया के तहत उत्तर दिया जाएगा। टाटा स्टील का कहना है कि वास्तविक बकाया 493.35 करोड़ रुपये ही बनता है।
वित्तीय या संचालन पर नहीं पड़ेगा असर: टाटा स्टील
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी देते हुए कहा कि यह नोटिस उनके वित्तीय प्रदर्शन या रोजमर्रा के कार्यों को प्रभावित नहीं करेगा। टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि हमने सभी कानूनों का पालन किया है और हम नियमानुसार जवाब दाखिल करेंगे।”
ITC व्यवस्था को लेकर विवाद
इनपुट टैक्स क्रेडिट एक ऐसी प्रणाली है, जिसके अंतर्गत कंपनियां खरीद पर दिए गए टैक्स को बिक्री पर देय टैक्स से समायोजित कर सकती हैं। लेकिन कर अधिकारियों का मानना है कि टाटा स्टील ने इसका लाभ अनुचित रूप से उठाया। इसी आधार पर कंपनी को नोटिस जारी किया गया है।
शेयर बाजार पर असर की संभावना कम
हालांकि ऐसे बड़े नोटिस के बाद निवेशकों में हलचल देखने को मिल सकती है, लेकिन कंपनी के स्पष्ट रुख और पहले ही बड़ी राशि जमा किए जाने के चलते शेयरों पर ज्यादा नकारात्मक असर पड़ने की संभावना नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मामला नियामकीय प्रक्रिया के तहत सुलझ जाएगा।