साल 2023 के जाते-जाते असम के उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), और भारत के गृह मंत्रालय के बीच ऐतिहासिक समझौता सम्पन्न हुआ है। उल्फा के अरविन्द राजखोवा गुट ने अपने संगठन को भंग कर मुख्य राष्ट्रीय धारा में शामिल होने का निश्वय किया है। असम में हिंसक घटनाओं में 10,000 लोगों की जानें गई हैं। निश्चित रूप से यह शान्ति स्थापना की दिशा में रचनात्मक पहल है जिसका उत्तरपूर्वी अन्य राज्यों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, भले ही राहुल गांधी मणिपुर जाकर आग में घी डालने का काम करें।
गोविन्द वर्मा