कभी लखनऊ से सिर्फ हजार रुपये लेकर घर से निकली प्रीति शुक्ला अब टेलीविजन और भोजपुरी सिनेमा में खूब नाम कमा रही हैं। दुबई में हुए ग्लोबल इंसपिरेशनल अवार्ड्स में प्रीति को भोजपुरी, टेलीविजन और संगीत उद्योग में बेहतरीन काम के लिए इस साल का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार मिला है। वह कहती हैं, ‘दुबई जैसे अनजान शहर में अपने प्रशंसकों से मिलना मेरे लिए अब तक का सबसे बढ़िया अनुभव रहा है। इस दौरान मुझे इस बात का भी आभास हुआ कि सोशल मीडिया किसी कलाकार की पहुंच कैसे दुनिया भर में पलक झपकते ही कर देता है।’

मुंबईरसायन शास्त्र (केमिस्ट्री) में एमएससी करने के बाद अभिनय में अपना करियर बनाने प्रीति मुंबई आईं। वह बताती हैं, ‘लखनऊ में पढ़ाई के दौरान ही मेरा रुझान अभिनय की तरफ हो गया था। शुरुआत मॉडलिंग से हुई और जब मेरा पहला होर्डिंग लखनऊ में लगा और इसके लिए मेरे पास सैकड़ों बधाई संदेश आए तो मेरे परिचितों ने मेरा हौसला बढ़ाया। इस हौसला अफजाई के बाद ही मैंने मुंबई आने का फैसला किया। मेरी बड़ी बहन ने मुझे मुंबई आने के लिए एक हजार रुपये दिए और मैं ट्रेन का टिकट कटाकर मुंबई आ पहुंची। इस शहर की मैं आभारी हूं कि मुझे यहां आते ही अच्छा काम मिलने लगा।’

मुंबई पहले ब्रेक के बारे में पूछे जाने पर प्रीति बताती हैं, ‘दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सिद्धार्थ नागर निर्देशित सीरियल ‘शिक्षा’ में मुझे पहला ब्रेक मिला। इस धारावाहिक में अपने जमाने के तमाम दिग्गज कलाकारों ने काम किया। इसकी शूटिंग के दौरान ही मुझे ये भी समझ आया कि अभिनय खुद को लगातार मांजते रहने का नाम है। मैंने इस दौरान जो भी सीखा, वह मुझे अब भी काम आ रहा है। इसके बाद तो अलग अलग धारावाहिकों में मैंने काफी काम किया। धारावाहिक ‘मैडम सर’ के लिए तो अब तक बधाई संदेश आते रहते हैं। अब मेरे कदम बड़े परदे की तरफ भी बढ़ चले हैं। भोजपुरी फिल्मों में लगातार काम करने के बाद मेरी पहली हिंदी फिल्म ‘एक अंक’ भी बनकर तैयार हो चुकी है।’

मुंबईदुबई में अपने प्रवास के बारे में चर्चा चलने पर प्रीति खासी उत्साहित दिखती हैं। वह बताती हैं, ‘दुबई मैं पहले भी जा चुकी हूं लेकिन अक्सर होता यही है कि वहां जाने पर जिस कार्यक्रम के लिए जाते हैं, उसके इतर कहीं कुछ आने जाने का समय नहीं मिलता। इस बार मैं पहले से तय करके गई थी कि मुझे बुर्ज खलीफा जाना है और वहां साड़ी में अपनी फोटो खिंचानी है। मैं वहां साड़ी पहनकर जब घूम रही थी तो लोगों ने मेरी भारतीय परिधानों को लेकर काफी तारीफ भी की और वहां अपने प्रशंसकों से मिलकर भी मुझे काफी अच्छा लगा।’

मुंबईओटीटी पर वेब सीरीज ‘माधुरी टाकीज’ से डेब्यू कर चुकीं प्रीति शुक्ला की तमन्ना ओटीटी स्पेस में भी कुछ अच्छा करने की है। वह कहती हैं, ‘ओटीटी के तो तमाम प्रस्ताव मेरे पास आते ही रहते हैं लेकिन मैं ऐसी कोई वेब सीरीज या ओटीटी ओरिजिनल फिल्म नहीं करना चाहती जिसमें अंग प्रदर्शन, सेक्स दृश्य आदि हों। मेरा मानना है कि भारतीय परिधानों में भी कलाकार सुंदर, कामुक और मादक दिख सकते हैं। फिल्म ‘नमक हलाल’ का गाना ‘आज रपट जाएं’ इसका सबसे सटीक उदाहरण है। हेमा मालिनी, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और नंदिता दास की वेशभूषा और अभिनय की मैं प्रशंसक रही हूं और उन्हीं की तरह मैं भी आगे बढ़ना चाहती हूं।’ प्रीति ने हाल ही में गोवा में एक म्यूजिक वीडियो भी शूट किया है जो सदाबहार अभिनेता देव आनंद की फिल्म ‘लूटमार’ के सुपरहिट गाने ‘जब छाए मेरा जादू’ का कवर वर्जन है।