नई दिल्ली। बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक तनाव के बीच नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग ने सभी कांसुलर और वीज़ा सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। उच्चायोग के बाहर नोटिस में कहा गया है कि “अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण, सभी सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी।” यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत ने पहले ही चटगांव में स्थित अपने वीज़ा आवेदन केंद्र की सेवाओं को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया था।
चटगांव में वीज़ा सेवाओं के निलंबन का निर्णय प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बढ़े तनाव और हिंसा के मद्देनजर लिया गया। उनकी मौत के बाद कई हिस्सों में तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं हुईं, जिसमें सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर भी हमला शामिल था। भारतीय वीज़ा केंद्र की सुरक्षा समीक्षा के बाद ही सेवाओं को फिर से खोलने की घोषणा की जाएगी। इसी क्रम में सिलहट स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इस बीच, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों के विरोध में भाजपा ने कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में रैली निकाली गई और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंक कर कड़ा विरोध जताया गया। अधिकारी ने चेताया कि अगर हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हुए, तो 26 दिसंबर को 10,000 लोगों के साथ पुनः प्रदर्शन किया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 2,000 लोग सड़क पर बैठे और 18 दिसंबर की रात मैमनसिंह में दीपू दास की हत्या व उसके शव को जलाने की घटना की निंदा की। इससे पहले पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी उप उच्चायोग के पास विरोध प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश में बढ़ता तनाव और दोनों देशों में कूटनीतिक हलचल को देखते हुए वीज़ा सेवाओं की निलंबन की स्थिति फिलहाल जारी है।