शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा के बाद वहां पहुंच चुके हैं। वे रविवार को समिट में हिस्सा लेंगे और इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी ने X पर साझा की जानकारी

चीन पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वह तियानजिन पहुंच गए हैं और शिखर सम्मेलन में सार्थक चर्चाओं तथा विभिन्न देशों के नेताओं से मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं।

क्यों अहम है यह समिट

यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष जारी है। दक्षिण एशिया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भी सुरक्षा को लेकर तनाव बना हुआ है, वहीं वैश्विक व्यापार पर खींचतान का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस परिदृश्य में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए खुद को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने का बड़ा अवसर है।

https://twitter.com/narendramodi/status/1961742784932823511

SCO: एशिया का प्रभावशाली मंच

साल 2001 में गठित SCO में वर्तमान में 9 सदस्य देश शामिल हैं—चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान। इसके अलावा बेलारूस, अफगानिस्तान और मंगोलिया ऑब्ज़र्वर की भूमिका में हैं। यह संगठन एशिया में राजनीति, सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच माना जाता है।

पिछली मुलाकातें

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। उससे पहले शी जिनपिंग 2019 में भारत आए थे, जहां महाबलीपुरम में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात और बातचीत हुई थी।