प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम एशिया में भारत के संबंधों को मजबूत करने के मकसद से जॉर्डन का दौरा किया, जहां उन्होंने द्विपक्षीय, सामरिक और आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने की नींव रखी। जॉर्डन, जो एशिया, अफ्रीका और यूरोप के संगम पर स्थित है, क्षेत्रीय स्थिरता का प्रतीक होने के साथ आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ भी मजबूत आवाज उठाता है। इसके अलावा, यह देश भारत के लिए उर्वरक आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
37 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला पूर्ण द्विपक्षीय दौरा था। प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता में आतंकवाद, गाजा संकट, क्षेत्रीय शांति और आर्थिक सहयोग पर गहन चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय कारोबार को वर्तमान 2.8 अरब डॉलर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर करने का लक्ष्य तय किया।
वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें स्वच्छ ऊर्जा, जल प्रबंधन, संस्कृति, डिजिटल नवाचार और नवीकरणीय ऊर्जा में तकनीकी सहयोग शामिल है। इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा सहयोग स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। एक समझौता जॉर्डन की पेट्रा और भारत की एलोरा गुफाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
पीएम मोदी और किंग अब्दुल्ला ने संयुक्त रूप से भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ साझा रुख पर जोर देते हुए क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन के ऐतिहासिक विश्वास और आर्थिक संभावनाओं का संगम युवाओं के लिए नई संभावनाएं खोल सकता है। उन्होंने पुराने व्यापारिक मार्गों को पुनर्जीवित करने और जॉर्डन को क्षेत्रीय हब बनाने पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने जॉर्डन की कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने और भारत की कृषि प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए आमंत्रित किया। किंग अब्दुल्ला ने भारत की तेज विकास दर और रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाकर संयुक्त निवेश की वकालत की।
जॉर्डन में पीएम मोदी का स्वागत विशेष रूप से यादगार रहा। क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्लाह ने स्वयं गाड़ी चलाकर पीएम मोदी को जॉर्डन म्यूजियम ले गए और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद एयरपोर्ट तक विदाई दी। यह भारतीय-जॉर्डन मित्रता की गर्मजोशी का प्रतीक माना गया।
जॉर्डन से इथियोपिया पहुंचने पर भी प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली ने स्वयं पीएम मोदी की गाड़ी चलाई और होटल तक छोड़ा। रास्ते में उन्होंने अनौपचारिक रूप से साइंस म्यूजियम और फ्रेंडशिप पार्क भी घुमाया, जिससे तीन देशों की यात्रा में भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक छवि और मजबूत हुई।
प्रधानमंत्री मोदी का जॉर्डन दौरा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के संगम में भारत की रणनीतिक और आर्थिक मौजूदगी को और मजबूत करने वाला साबित हुआ।