भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर जारी तनाव के बीच, ट्रंप प्रशासन ने स्वीकार किया है कि भारत किसी बाहरी दबाव में निर्णय लेने वाला देश नहीं है।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भारत के रुख पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि व्यापार वार्ता में भारत का रवैया कुछ हद तक ‘अड़ियल’ रहा है। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उनसे भारत-अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील पर सवाल पूछा गया।

बेसेन्ट ने कहा, “यह लक्ष्य हासिल करना थोड़ा कठिन है, लेकिन हम अच्छी स्थिति में हैं। फिलहाल जिन बड़े व्यापारिक समझौतों पर सहमति नहीं बन पाई है, उनमें स्विट्जरलैंड और भारत शामिल हैं। भारत ने कुछ मामलों में सख्त रुख अपनाया है।” उन्होंने बताया कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और वकीलों की टीमें इन समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए लगातार काम कर रही हैं।

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें 25 फीसदी शुल्क रूस से तेल खरीदने के चलते लगाया गया है। यह शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के छठे दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को भारत आने वाला है।