संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के तीन दिन बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को एक जनसभा में कहा कि संसद और विधानसभाएं बहस और चर्चा का स्थल हैं। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए सदन की कार्यवाही रोकना ठीक नहीं है। अमित शाह ने महाभारत की द्रौपदी के अपमान का उदाहरण देते हुए चेताया कि जब भी सदन की गरिमा का उल्लंघन होता है, इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं।
अमित शाह ने भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और सत्र कम सक्रियता में ही समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि संसद में बहस और चर्चा राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है, लेकिन इसे राजनीतिक खेल का साधन बनाना स्वीकार्य नहीं है।
गृहमंत्री ने विपक्ष को संयम बरतने की सलाह दी और कहा कि सदन में हर चर्चा का उद्देश्य राष्ट्रहित में होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी चर्चा निष्पक्ष होनी चाहिए और अध्यक्ष पद की गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों को अपने तर्क जनता की भलाई के लिए प्रस्तुत करने चाहिए और सदन की कार्यवाही नियमों के अनुरूप होनी चाहिए।