बांग्लादेशी घुसपैठियों के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़, चेन्नई में भी 33 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसने वाले लोगों को बसाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में गिरोह के सरगना चांद मियां समेत छह बांग्लादेशी घुसपैठियों और पांच भारतीय सहयोगियों को राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वहीं, चांद मियां से मिली जानकारी के आधार पर चेन्नई पुलिस ने भी 33 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है।

दिल्ली में बनते थे फर्जी दस्तावेज

पुलिस जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेज दिल्ली में ही तैयार किए गए थे। ये दस्तावेज आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे पहचान पत्रों पर आधारित थे। शुरुआती जांच के अनुसार, इस नेटवर्क के जरिए 100 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों और दर्जनों भारतीय एजेंटों को पकड़ा जा सकता है।

बॉर्डर पार कराने से लेकर नौकरी तक का इंतजाम

यह गिरोह पश्चिम बंगाल और मेघालय के रास्ते बांग्लादेशियों को भारत में दाखिल कराता था और फिर उन्हें दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में मजदूरी दिलवाकर बसाया जाता था। भारतीय एजेंट न केवल घुसपैठ कराने में मदद करते थे बल्कि उन्हें नकली पहचान पत्र बनवाकर स्थायी नागरिक के रूप में स्थापित करने में भी शामिल थे।

पकड़े गए मुख्य आरोपी और बरामद सामग्री

डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि असलम उर्फ मासूम नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद जांच तेज की गई। वह हाल ही में बांग्लादेश से आया था और दिल्ली के तैमूर नगर में रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद असम के कलटली इलाके से छह बांग्लादेशी नागरिक और पांच भारतीय एजेंट भी पकड़े गए।

इनसे पुलिस ने 11 फर्जी आधार कार्ड, बांग्लादेशी दस्तावेज, कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, स्कैनर, मोबाइल फोन, नकदी और अन्य उपकरण बरामद किए हैं जिनका इस्तेमाल दस्तावेज तैयार करने में किया जाता था।

25 हजार में कराता था बॉर्डर पार

पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि चांद मियां प्रत्येक बांग्लादेशी से भारत में प्रवेश कराने के लिए 25,000 रुपये वसूलता था। वह एक बार में 8-10 लोगों को बॉर्डर पार कराता था। उसके बाद दिल्ली में उनके फर्जी दस्तावेज बनवाकर उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेज दिया जाता था। चांद मियां करीब 12 वर्षों से इस अवैध धंधे में लिप्त था।

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