राज्यसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। उन्होंने सुरक्षाबलों की कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में उनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने कार्रवाई के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा कि पाकिस्तान के नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी भारतीय ठिकाने पर कोई प्रभावी हमला नहीं हो पाया, क्योंकि सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया गया।
"ऑपरेशन सिंदूर बना निर्णायक मोड़"
रक्षा मंत्री के अनुसार, इस अभियान के तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और समर्थक मारे गए। उन्होंने बताया कि फिलहाल ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन यदि पाकिस्तान की ओर से दोबारा कोई दुस्साहस होता है, तो भारत फिर से कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति पर कायम हैं। हमारे सुरक्षा बलों को अपने लक्ष्य तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता और आत्मगौरव की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
"भारत अब कमजोर नहीं, एक सशक्त राष्ट्र"
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पहले पाकिस्तान और आतंकी संगठन भारत को एक नरम राष्ट्र समझते थे, लेकिन अब स्थितियाँ बदल गई हैं। “ऑपरेशन सिंदूर” ने एक निर्णायक मोड़ प्रदान किया है, जिससे यह साबित हुआ है कि भारतीय नागरिक अब एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
टीएमसी सांसदों ने किया विरोध प्रदर्शन और वॉकआउट
सत्र के दौरान उपसभापति हरिवंश ने सदन के सदस्यों से अपील की कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करते समय गंभीरता बरती जाए। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाने का प्रयास किया, जिसे उपसभापति ने यह कहकर खारिज कर दिया कि यह मुद्दा चर्चा के दायरे में नहीं आता।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के सदस्यों ने ‘एसआईआर’ के खिलाफ नारेबाज़ी की और कुछ सांसद वेल में भी आ गए। जब विपक्ष के सदस्यों को बोलने की अनुमति नहीं मिली, तो टीएमसी और विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।