प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आदमपुर एयरबेस का दौरा कर वहां तैनात जवानों से मुलाकात की। इस दौरे के जरिए उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया कि भारत की सैन्य तैयारी पूरी तरह मजबूत है और किसी भी तरह के दावे या दुष्प्रचार का करारा जवाब देने में सक्षम है। एयरबेस पर एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और सुखोई फाइटर जेट्स की मौजूदगी से यह संदेश और भी प्रभावशाली हो गया, जिनके बारे में पाकिस्तान ने झूठे दावे किए थे कि वे नष्ट हो चुके हैं।
सैनिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मिसाइल ताकत से दुश्मन घबरा गया है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में जब भी इस अभियान की चर्चा होगी, तो उसमें जवानों के साहस और वीरता को याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “भारत माता की जय” का उद्घोष ही ऐसा है जिससे दुश्मनों में डर समा जाता है। सैनिकों के बीच यह नारा बार-बार गूंजता रहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुश्मन ने पीछे से वार किया, तब हमारे वीर सैनिकों ने सामने से जवाब देकर दिखा दिया कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 9 से ज्यादा आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया गया और 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय सेना अब यह साबित कर चुकी है कि आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान की सरजमीं भी अब सुरक्षित नहीं बची है। निर्दोषों का खून बहाने वालों को अब सिर्फ बर्बादी ही मिलेगी। उन्होंने महाराणा प्रताप के वीर घोड़े चेतक पर लिखी पंक्तियों का उल्लेख कर सैनिकों की वीरता की तुलना उस ऐतिहासिक साहस से की।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि हमारी वायुसेना ने मात्र 20 से 25 मिनट में सीमा पार अपने लक्ष्यों को सफलता पूर्वक भेदा। उन्होंने सेना की रणनीति और सटीक निशानेबाजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुश्मन को यह भी पता नहीं चला कि कब और कैसे हमला हुआ। उन्होंने यह भी उजागर किया कि पाकिस्तान ने साजिश के तहत अपने नागरिक विमानों को ढाल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन हमारी वायुसेना ने सूझबूझ और साहस दिखाते हुए आतंकियों को खत्म किया और नागरिकों को कोई नुकसान नहीं होने दिया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की नई रणनीति का हिस्सा बन गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने आदमपुर समेत कई ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली के सामने उसके सभी प्रयास विफल हो गए। भारत अब आतंक के खिलाफ अपनी नीति को स्पष्ट कर चुका है: यदि हमला हुआ, तो भारत माकूल जवाब देगा, परमाणु धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकियों को समर्थन देने वाले किसी भी सरकार या संगठन को एक ही दृष्टिकोण से देखा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भी भारत के इस नए और निर्णायक रूप को गंभीरता से लिया जा रहा है।