मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र द्वारा लाया गया बीज विधेयक 2025 किसानों के हितों के खिलाफ है। उनका दावा है कि इस कानून से खेती नहीं, बल्कि निजी कंपनियों के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। टिकैत ने साफ कहा कि किसानों के हक़ की लड़ाई अब बड़े आंदोलन का रूप लेगी।
दिल्ली में बनेगी आंदोलन की रणनीति, सिसौली में होगी पंचायत
टिकैत के मुताबिक बीज विधेयक को लेकर किसान संगठनों की रणनीति दिसंबर में तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 17 या 18 दिसंबर को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें आंदोलन का खाका तैयार किया जाएगा। इसके बाद 23 दिसंबर को सिसौली में एक बड़ी पंचायत रखी जाएगी, जिसमें आगे की दिशा और कदमों पर चर्चा होगी।
महंगे बीज और NGT कार्रवाई पर भी नाराज़गी
टिकैत ने अधिकारियों पर भी निशाना साधा और कहा कि किसानों को “एनजीटी के नाम पर” लगातार परेशान किया जा रहा है।
उनका कहना था कि बाज़ार में महंगे बीज पहले से ही किसानों की जेब पर बोझ डाल रहे हैं, और इस विधेयक के बाद उनके दाम पर किसी तरह की सीमा नहीं रह जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि खराब बीज पर मुआवजे की कोई ठोस व्यवस्था अभी तक नहीं है और नए कानून से राज्य सरकारों के अधिकार भी कमज़ोर पड़ जाएंगे।
देशभर में जागरूकता अभियान की तैयारी
उन्होंने बताया कि बीज विधेयक के प्रभाव और जोखिमों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा। साथ ही सभी किसानों से अपील की कि वे संगठित होकर इस विधेयक का विरोध करें।
एसआईआर पर भी दिया बयान
एसआईआर से जुड़े एक सवाल पर टिकैत ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया में सुधार होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को अपने प्रमाण सही समय पर जमा करने चाहिए और मतदाता सूची एक ही स्थान पर बनवानी चाहिए, ताकि भ्रम की स्थिति न रहे।