एसआईआर मुद्दे को लेकर संसद में जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष की लगातार मांगों और शोर-शराबे के चलते पिछले दो दिनों से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई। विपक्ष इस मामले पर तत्काल चर्चा चाहता है, वहीं सरकार का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन समय तय करने का अधिकार विपक्ष को नहीं दिया जा सकता।

स्थगन प्रस्ताव खारिज, राज्यसभा में तीखी नोकझोंक

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने एसआईआर पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव दिए, जिन्हें सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने मंजूर नहीं किया। इसके बाद सदन में हंगामा और तेज हो गया।

खरगे बोले—‘लोग मर रहे हैं, तुरंत चर्चा हो’

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और उससे गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा नागरिकों, देश और लोकतंत्र से जुड़ा है, इसलिए इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए।”

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार विपक्ष से बातचीत को तैयार है, लेकिन चर्चा की समयसीमा विपक्ष थोप नहीं सकता।

रिजिजू का पलटवार—‘चुनाव हारकर संसद में गुस्सा निकाल रहा विपक्ष’

रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “संसद में सभी अहम मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। एक विषय के लिए अन्य मुद्दों को दरकिनार करना उचित नहीं है। आप पहले संवाद करें, लेकिन आप तो समय तय कर के सरकार को दबाव में लाना चाहते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष चुनावों में लगातार हार से नाराज़ है और उसी का गुस्सा संसद में दिखा रहा है।

लोकसभा में सर्वदलीय बैठक आज

लगातार व्यवधान से नाराज़ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गतिरोध खत्म करने के लिए आज दोपहर 3 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

वहीं राज्यसभा में खरगे ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि स्थगन प्रस्ताव देने वाले सांसदों के नाम पढ़े बिना ही प्रस्ताव खारिज किए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि सभापति विपक्ष की तरफ देख भी नहीं रहे। जवाब में सभापति ने कहा कि जब सदन व्यवस्था में ही नहीं है, तो हर किसी की बात सुनी जाना संभव नहीं है।