पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी को हाईकोर्ट से कानूनी राहत मिली है। भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने रोक लगा दी है। जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की पीठ ने अनावेदक को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को निर्धारित की है।

मामले का विवरण
इस विवाद की शुरुआत नवंबर 2020 में कोलकाता में एक सार्वजनिक सभा से हुई थी। इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को ‘गुंडा’ कहा था। इसके बाद आकाश विजयवर्गीय ने 2021 में मानहानि का मामला दर्ज कराया। इस मामले की सुनवाई भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट में 1 मई 2021 से चल रही है।

गिरफ्तारी वारंट और हाईकोर्ट की चुनौती
अभिषेक बनर्जी पेशी पर लगातार नहीं पहुंचे, जिसके कारण कोर्ट ने 11 और 26 अगस्त 2025 के लिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद अभिषेक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और वारंट रद्द करने की मांग की। याचिकाकर्ता के वकीलों ने तर्क दिया कि वह सांसद हैं और फरार होने की कोई संभावना नहीं है। साथ ही उन्होंने कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी की अनुमति की मांग की थी।

हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी। पीठ ने स्पष्ट किया कि कानूनी प्रावधानों के तहत याचिका पर विचार किया जाना आवश्यक था, और यदि आवश्यक हो तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता था। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे और मनन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता की पैरवी की।