प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि नेपाल में जारी हालिया घटनाक्रम पर कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की बैठक में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने पड़ोसी देश में हुई हिंसा को दुखद बताया और कहा कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि हिमाचल प्रदेश और पंजाब दौरे से लौटने के बाद उन्होंने सीसीएस बैठक में नेपाल की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “नेपाल में हुई हिंसक घटनाओं में कई युवाओं की जान जाना हृदयविदारक है। मैं वहां के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें।”
सेना ने संभाली सुरक्षा की कमान
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद सेना ने घोषणा की कि वह रात 10 बजे से सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में लेगी। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कुछ समूह मौजूदा संकट का दुरुपयोग कर रहे हैं और इससे आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान हो रहा है। सेना ने चेतावनी दी कि हालात न सुधरे तो सुरक्षा एजेंसियों को और सक्रिय किया जाएगा। साथ ही नागरिकों से अपील की गई कि वे किसी भी प्रकार की हिंसक या तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल न हों।
चीन की खामोशी पर सवाल
इस बीच, नेपाल के राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों को लेकर चीन ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। लंबे समय से चीन समर्थक माने जाने वाले ओली ने भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को पद छोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नेताओं के घरों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों और संसद भवन तक को निशाना बनाया। पुलिस कार्रवाई में कई लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। ऐसे हालात में चीन की चुप्पी नेपाल के बदलते राजनीतिक समीकरणों पर नए सवाल खड़े कर रही है।