नई दिल्ली: भारी यात्रियों की परेशानी और उड़ानों में अव्यवस्था के बाद IndiGo ने सोमवार शाम महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया। एयरलाइन ने कहा कि 3 से 15 दिसंबर के बीच रद्द हुई उड़ानों का रिफंड प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, अब टिकट बदलने या रद्द करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। कंपनी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “हम अपनी यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हैं। हमारी टीमें हालात को सामान्य करने में जुटी हैं।”
रिफंड प्रक्रिया 48 घंटे पहले से शुरू
इंडिगो ने रिफंड की तारीख भी आगे बढ़ा दी है। पहले यह 5 दिसंबर से शुरू होना था, लेकिन अब 3 दिसंबर से रिफंड दिया जा रहा है। यह एयरलाइन संकट की गंभीरता को दर्शाता है। इससे पहले शनिवार को एयरलाइन ने कहा था कि 5 से 15 दिसंबर तक की उड़ानों के लिए ‘नो क्वेश्चन आस्क्ड पॉलिसी’ लागू होगी और पूरा रिफंड दिया जाएगा।
सरकार और DGCA की सख्ती
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, अब तक इंडिगो ने लगभग 9.5 लाख टिकटों का रिफंड किया है, जिसकी कीमत 827 करोड़ रुपये है। इनमें से करीब 6 लाख टिकट (569 करोड़ रुपये) 1 से 7 दिसंबर के बीच की फ्लाइट्स के थे, जब समस्या सबसे ज्यादा बढ़ गई थी। मंत्रालय ने एयरलाइन को निर्देश दिया कि सभी लंबित रिफंड तुरंत क्लियर किए जाएं और प्रभावित यात्रियों से रीशेड्यूलिंग चार्ज न लिया जाए। उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने चेतावनी दी कि नियमों का पालन नहीं होने पर एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
नई फ्लाइट सेफ्टी नियमों से शुरू हुआ संकट
इस संकट की जड़ नए फ्लाइट सेफ्टी नियमों में है, जिन्हें दो साल पहले लागू किया गया था। इन नियमों का मकसद पायलट थकान को कम करना और उन्हें पर्याप्त आराम सुनिश्चित करना था। नियम लागू होने के बाद इंडिगो, जो प्रतिदिन लगभग 2200 फ्लाइट्स संचालित करती है, पायलटों की कमी के कारण कई उड़ानें रद्द करने पर मजबूर हो गई। हालात बिगड़ते देख DGCA ने अस्थायी रूप से कुछ नियमों में ढील दी।
विपक्ष ने उठाया डुओपॉली का मुद्दा
इंडिगो संकट के बाद विपक्ष ने देश के विमानन क्षेत्र में डुओपॉली का मुद्दा उठाया, जिसमें IndiGo और Air India का दबदबा बताया गया। सरकार का कहना है कि नए एयरलाइंस के प्रवेश को हमेशा बढ़ावा दिया गया है और देश में विमानन बाजार खुला है।