भुवनेश्वर। मलकानगिरी जिले में आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरूकोण्डा ब्लॉक के एमवी-26 गांव में सोमवार को हिंसा ने भयावह रूप ले लिया, जब बड़ी संख्या में आदिवासी ग्रामीणों ने गांव पर हमला कर 50 से अधिक घरों में आग लगा दी। हमले के दौरान लूटपाट और तोड़फोड़ की भी खबरें सामने आईं।
यह घटना उस सिरकटी महिला की मौत के प्रतिशोध में बताई जा रही है, जिसका शव तीन दिनों तक लापता रहने के बाद 4 दिसंबर को बरामद हुआ था। मृतका, लाके पाड़ियामी, राखालगुड़ा गांव की रहने वाली थी। परिजनों का आरोप है कि भूमि विवाद को लेकर उसकी निर्मम हत्या की गई। शव मिलने के बाद से ही आदिवासी समुदाय में आक्रोश उफान पर है।
भारी सुरक्षा बल तैनात, फिर भी हालात काबू में नहीं
हिंसा रोकने के लिए जिला प्रशासन ने डीवीएफ और बीएसएफ के जवान तैनात किए हैं, लेकिन इसके बावजूद हालात बिगड़ते रहे। रविवार को जहां 50 से अधिक घर जलाए गए थे, वहीं सोमवार को स्थिति और अधिक गंभीर हो गई। सुबह करीब 10 हजार आदिवासी ग्रामीणों ने एमवी-26 गांव को चारों ओर से घेर लिया। गांव पहले से खाली था, क्योंकि स्थानीय लोग भय के चलते सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।
एसपी बिनोद पाटिल ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन पारंपरिक हथियारों से लैस समूह गांव में घुस गया और मिनटों में घरों को आग के हवाले कर दिया। गैस सिलिंडरों में हुए धमाकों से भी इलाके में दहशत फैल गई। उग्र भीड़ ने दमकल वाहनों पर भी हमला किया।
पीड़िता का सिर बरामद न होने के कारण पोस्टमॉर्टम अब तक नहीं हो पाया है।
इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए बंद
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार को पूरे जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक वाई.बी. खुरानिया, एडीजी संजीव पंडा, इंटेलिजेंस डीआईजी अखिलेश्वर सिंह और दक्षिण-पश्चिम रेंज डीआईजी के.वी. सिंह सोमवार शाम को मलकानगिरी पहुंचे और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने हिंसा को अन्य इलाकों में फैलने से रोकने के लिए रणनीति तैयार की।
गैर-आदिवासी गांवों में दहशत, न्याय की मांग
हिंसा के बाद आसपास के बंगाली भाषी गांवों में दहशत का माहौल है। सोमवार सुबह एमवी-3 गांव में बंगीय समाज के लोगों की बड़ी बैठक हुई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। उन्होंने 72 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी, एमवी-26 गांव के पीड़ितों को मुआवजा और शांति बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
इसके बाद समुदाय के लोग रैली निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
जिलाधीश ने दोनों समुदायों को संवाद के माध्यम से समाधान निकालने की कोशिश की, लेकिन बंगीय समाज के बड़े प्रतिनिधि बैठक में नहीं पहुंचे, जिसके कारण वार्ता आगे नहीं बढ़ सकी।