ओडिशा में हाल के दिनों में लगातार सामने आ रहे नाबालिग लड़कियों के आत्मदाह के मामलों को लेकर विपक्ष ने राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रशासन बेटियों में सुरक्षा का भरोसा कायम करने में विफल रहा है और ऐसी व्यवस्था बनाने में नाकाम रहा, जहां वे सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें। पटनायक ने कहा कि केवल एक महीने में चार नाबालिग लड़कियों की जान इसी तरह की घटनाओं में जा चुकी है।
पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “बरगढ़ के गैसिलाट की एक और बेटी के आत्मदाह की खबर से अत्यंत दुःख और सदमा हुआ। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं और ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति मिले।” उन्होंने कहा, “यह बेहद दर्दनाक है कि हमारी बेटियां खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर अपनी जान ले रही हैं। हर मौत के पीछे एक असहनीय पीड़ा छिपी है, जो उन्हें इस चरम कदम तक ले जा रही है। ये घटनाएं अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि कई बेटियां रोजाना अपराध का शिकार होकर सबसे दुखद अंत का सामना कर रही हैं।”
पटनायक के अनुसार, यह हताशा केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि प्रशासनिक नाकामी की ओर इशारा करती है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार अब तक इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है और उसकी चुप्पी व निष्क्रियता बेटियों की असुरक्षा बढ़ा रही है।
बरगढ़ में 13 वर्षीय छात्रा की मौत
बरगढ़ जिले के एक गांव में 13 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा ने कथित तौर पर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। गंभीर हालत में उसे बुर्ला के वीर सुरेंद्र साईं आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (VIMSAR) में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई।
एक महीने में चौथी घटना
यह मामला 12 जुलाई से अब तक की चौथी ऐसी घटना है। 12 जुलाई को बालासोर में 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने कॉलेज परिसर में आत्मदाह किया और 14 जुलाई को एम्स भुवनेश्वर में उसकी मौत हो गई। 19 जुलाई को बालांगा में एक नाबालिग को कथित तौर पर तीन लोगों ने आग लगा दी, जिसकी मौत 2 अगस्त को एम्स दिल्ली में हुई। 6 अगस्त को केंद्रपाड़ा जिले में तीसरी घटना हुई, जब एक स्नातक छात्रा का जला हुआ शव उसके घर से बरामद किया गया।