मणिपुर में फिर से लोकतांत्रिक सरकार की तैयारी, बीरेन सिंह बोले– विधायकों संग चल रही रणनीति

इंफाल। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य में फिर से एक लोकप्रिय सरकार के गठन की दिशा में प्रयास तेज़ किए जा रहे हैं। वर्तमान में राष्ट्रपति शासन के अधीन चल रहे मणिपुर में राजनीतिक बहाली की संभावनाओं को लेकर उन्होंने भरोसा जताया है।

शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में बीरेन सिंह ने कहा, “हम जल्द से जल्द सरकार के गठन की दिशा में काम कर रहे हैं। भाजपा एक राष्ट्रीय दल है और जमीनी हालात को देखते हुए मुझे पूर्ण विश्वास है कि सरकार का गठन शीघ्र होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सहयोगी दल भी एक स्थायी और जनसमर्थित सरकार की बहाली के पक्ष में हैं।

विधायकों से हो रही नियमित बातचीत

बीरेन सिंह ने बताया कि पार्टी के विधायक लगातार बैठकें कर रहे हैं और केंद्र सरकार से भी बातचीत जारी है, ताकि राज्य में स्थायी समाधान और शांति की बहाली सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा, “हम किसी पर आरोप नहीं लगा रहे, बल्कि मौजूदा संकट के समाधान की दिशा में सक्रिय हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि बीते कई महीनों में मणिपुर में विभिन्न समुदायों के बीच किसी बड़ी हिंसक झड़प की घटना नहीं हुई है, जो हालात में आ रहे सुधार का संकेत है।

केंद्र सरकार की शांति बहाली की कोशिशें

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में स्थायित्व और शांति लौटाने के लिए लगातार प्रयासरत है। “दिन-रात संवाद और रणनीति पर काम हो रहा है ताकि मणिपुर फिर से सामान्य स्थिति की ओर लौट सके,” उन्होंने कहा।

अवैध घुसपैठ और मादक पदार्थों पर चिंता

एक सवाल के जवाब में बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को अवैध घुसपैठ और ड्रग नेटवर्क से खतरा है। उन्होंने कहा कि अब यह विषय व्यापक स्तर पर समझा जा रहा है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने इस समस्या से मिलकर निपटने की आवश्यकता पर बल दिया।

राष्ट्रपति शासन की पृष्ठभूमि

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पद से बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी 2024 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, लेकिन वर्तमान में इसे निलंबित रखा गया है। मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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