लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के हालिया भाषण के बाद कांग्रेस नेताओं ने उन पर तीखा हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि गृह मंत्री का भाषण पूरी तरह डिफेंसिव था और विपक्ष द्वारा उठाए गए किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी ने विशेष तौर पर पारदर्शी वोटर लिस्ट, EVM का पूरा आर्किटेक्चर, और हरियाणा व बिहार में वोट डालने संबंधी शिकायतों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने इन मुद्दों पर चुप्पी साधी और चुनाव आयोग की पूर्ण इम्युनिटी पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। राहुल गांधी ने कहा, "हम डरते नहीं हैं, लेकिन देश को चुनावों में पारदर्शिता चाहिए।"

प्रियंका गांधी वाड्रा का भी हमला

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अमित शाह ने डेढ़ घंटे तक केवल यह सफाई दी कि उन्होंने वोट चोरी नहीं की। उनका कहना था कि यदि कोई वास्तव में निर्दोष होता, तो क्या उसे इतनी लंबी सफाई देने की जरूरत पड़ती? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष के गंभीर सवालों का जवाब देने की बजाय सिर्फ सफाई देने में लगी हुई है।

गौरव गोगोई और मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि गृह मंत्री विपक्ष द्वारा दो दिन तक चल रही चर्चा में उठाए गए मुद्दों का जवाब देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह ने स्क्रिप्ट पढ़ी और विपक्ष के उठाए गए मुद्दों को नजरअंदाज किया।

गौरव गोगोई ने कहा कि अमित शाह ने दावा किया कि कांग्रेस कभी चुनाव आयोग नहीं गई, जबकि कई बार कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिकायतें दर्ज कराई थीं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में खामियां हैं, लेकिन भाजपा ने 400 सीटों का लक्ष्य रखा।

सांसद मनीष तिवारी ने भी गृह मंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमित शाह ने स्पष्ट नहीं किया कि चुनाव आयोग पूरे देश में SIR (Systematic Improvement of Rolls) कैसे लागू कर सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 347 और 324 चुनाव आयोग को इस तरह की शक्तियां नहीं देते।

कांग्रेस नेताओं का निष्कर्ष था कि गृह मंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष की मूल चिंताओं को नजरअंदाज किया और ठोस जवाब देने से बचते रहे