हैदराबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों में किसी बाहरी हस्तक्षेप के कारण कभी रुकावट नहीं आई है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने में भूमिका निभाई, जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भारत अपने दम पर जारी रखेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि कोई बड़ा आतंकी हमला होता है, तो “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे अभियान फिर से शुरू किए जाएंगे। रक्षा मंत्री ने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुद्दा पूरी तरह द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की गुंजाइश नहीं है।
ट्रंप के दावे पर पाकिस्तान का खुलासा
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाने में मध्यस्थता की थी। हालांकि, भारत ने हमेशा इस दावे को खारिज किया। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी कहा कि भारत ने युद्धविराम के दौरान किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया था। उनका कहना था कि यह दोनों देशों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है।
रजाकारों पर टिप्पणी
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में ‘रजाकारों’ का जिक्र करते हुए कहा कि उनका खतरा भी उतना ही गंभीर था, जितना पहलगाम हमले में देखा गया था, जहां निर्दोष लोगों को धर्म पूछकर मौत के घाट उतारा गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत की सामाजिक एकता पर हमला हैं। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि आज का भारत दुश्मनों का मुकाबला न केवल आमने-सामने बल्कि उनकी आंखों में आंखें डालकर करने की क्षमता रखता है।