लोकसभा में इंडिगो एयरलाइन के जारी परिचालन संकट पर चर्चा के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापुर ने मंगलवार को कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और सरकार एयरलाइन को उसकी जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेह बना रही है।

सुरक्षा व सेवाओं पर सरकार की सख्ती
मंत्री ने बताया कि परिचालन तेजी से स्थिर हो रहा है और सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और उन्हें सम्मानजनक अनुभव उपलब्ध कराने के लिए एयरलाइन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही, उड्डयन क्षेत्र को अधिक यात्री-केंद्रित बनाने के लिए दीर्घकालिक सुधारों पर काम जारी है।

नायडू ने सदन को भरोसा दिलाया कि सरकार यात्रियों की परेशानियों को गंभीरता से देख रही है और ऐसे उपाय लागू किए जा रहे हैं जिससे भविष्य में इस तरह के व्यवधान न उत्पन्न हों।

आठवें दिन भी यात्रियों की परेशानी जारी
इंडिगो के परिचालन संकट का असर मंगलवार को आठवें दिन भी बना रहा। कई हवाई अड्डों पर 200 से अधिक उड़ानों के रद्द होने और लंबी देरी की स्थिति के चलते यात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ा। कई लोगों को अब भी बैगेज संबंधित समस्याओं और पर्याप्त जानकारी न मिलने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

इंडिगो का दावा—परिस्थितियाँ सुधर रही हैं
इंडिगो एयरलाइन ने सोमवार को कहा था कि उसने परिचालन को काफी हद तक सामान्य कर लिया है। कंपनी के अनुसार, नेटवर्क में 1,800 से अधिक उड़ानें संचालित की गई हैं और सभी स्टेशनों पर सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, एयरलाइन का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) 91% तक पहुंच गया है, जो हालिया व्यवधानों से उबरने का संकेत देता है। कंपनी का कहना है कि उड़ानों को अनुकूलित कर रद्दीकरण कम किए गए हैं और जिन उड़ानों को रद्द करना पड़ा, उसके बारे में यात्रियों को पहले से सूचित किया गया। पिछले सप्ताह जहां प्रतिदिन लगभग 1,650 उड़ानें संचालित हो रही थीं, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 1,800 से अधिक हो चुकी है।