लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को वंदे मातरम को लेकर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वंदे मातरम के साथ इतिहास में बड़ा अन्याय हुआ। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अन्याय के बावजूद वंदे मातरम का महत्व कभी कम नहीं हुआ।

वंदे मातरम: सिर्फ शब्द नहीं, भावना थी

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस साल वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी शुरुआत की चर्चा को सुंदर रूप दिया। उन्होंने बताया कि वंदे मातरम स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होने और लड़ने की ताकत देने वाला गीत था। यह केवल भारत तक सीमित नहीं था; इसे विदेशों में भी गाया जाता था। 1906 में भारत का पहला झंडा भी वंदे मातरम के साथ डिजाइन किया गया था, और उसी वर्ष बंगाल में इसे प्रचारित करने के लिए अखबार लॉन्च किया गया।

राजनाथ सिंह ने बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की रचना की व्याख्या करते हुए कहा कि वंदे मातरम में कहीं भी मूर्ति पूजा का प्रचार नहीं है। उनका कहना था कि इसे तुष्टीकरण की राजनीति में इस्तेमाल किया गया।

स्वतंत्रता के बाद वंदे मातरम को हाशिये पर डाला गया

रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद वंदे मातरम को वह सम्मान नहीं मिला, जिसका यह हकदार था। जन-गण-मन राष्ट्रीय भावना में शामिल हो गया, लेकिन वंदे मातरम को दुर्भाग्यवश हाशिये पर रखा गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस गीत को उसका वास्तविक दर्जा मिलेगा और इसके 150 वर्ष पूरे होने पर इसे व्यापक रूप से मनाया जाएगा।

नेहरू और कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप

राजनाथ सिंह ने पंडित नेहरू और कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारें वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकीं। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन समस्याओं को नियंत्रण में लाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व में जो विचारधारा हिंसा से सत्ता प्राप्त करती थी, उसे खतरा नहीं माना गया, जबकि लोकतांत्रिक और समावेशी दृष्टिकोण वाली विचारधारा को खतरा माना गया।

विभाजन और पलायन के प्रभाव

रक्षा मंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण देश का विभाजन हुआ और पश्चिम बंगाल के कई परिवारों को पलायन करना पड़ा। इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों और मुस्लिम महिलाओं से समान अधिकार छीने गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार ने सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास की भावना से काम किया है।