माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जो सिरदर्द से कहीं अधिक तकलीफ देती है और इसके दौरान उल्टी, मतली, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी परेशानियां भी होती हैं। यह समस्या शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। कई लोग इसके इलाज के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन लंबे समय में यह उपाय केवल अस्थायी राहत ही प्रदान करते हैं। यदि कोई घरेलू और प्राकृतिक उपाय सिर्फ एक सप्ताह में राहत देने का दावा करे, तो वह किसी वरदान से कम नहीं होता।

आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने इस समस्या से राहत पाने के कुछ प्राकृतिक नुस्खे बताए हैं, जिन्हें नियमित रूप से अपनाने से माइग्रेन पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यहां हम आपको दो प्रभावी घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं।

1. धनिया की चाय:
धनिया में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो माइग्रेन के दर्द, मतली और चिड़चिड़ाहट को कम करने में मदद करते हैं। इस चाय को बनाने का तरीका बेहद आसान है:
सामग्री:

  • 1 चम्मच धनिया के बीज
  • 1 से 1.5 कप पानी
  • 1 चम्मच शहद (स्वाद अनुसार)
  • 2-3 तुलसी के पत्ते (वैकल्पिक)
  • ½ चम्मच सौंफ (मतली के लिए)

विधि:

  1. पानी उबालने के बाद उसमें धनिया के बीज डालें। आप चाहें तो तुलसी के पत्ते और सौंफ भी डाल सकते हैं।
  2. इस मिश्रण को 8-10 मिनट तक धीमी आंच पर उबालने दें ताकि सभी तत्व पानी में अच्छे से घुल जाएं।
  3. इसके बाद चाय को छानकर स्वाद अनुसार शहद डालें।

कैसे पिएं:

  • इसे दिन में 1-2 बार पिएं, खासकर जब माइग्रेन के लक्षण दिखाई दें। सुबह या शाम को इसे लेना ज्यादा असरदार होता है।

2. दालचीनी और शहद का लेप:
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि शहद शरीर को राहत देने और ऊर्जा देने में मदद करता है। इन दोनों का मिश्रण माइग्रेन के दर्द को कम करता है।

सामग्री:

  • 1 चम्मच दालचीनी पाउडर
  • 1-2 चम्मच शुद्ध शहद

विधि:

  1. दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर एक स्मूद पेस्ट तैयार करें।
  2. इस पेस्ट को माथे और कनपटियों पर लगाकर 20-30 मिनट तक छोड़ दें।
  3. बाद में गुनगुने पानी से इसे धो लें।

महत्वपूर्ण टिप्स:

  • दालचीनी की प्रतिक्रिया कुछ लोगों की त्वचा पर जलन कर सकती है, इसलिए पहले पैच टेस्ट करें।
  • अगर दर्द बहुत तेज हो, तो इस लेप के साथ गहरी सांसों की एक्सरसाइज भी करें और पर्याप्त पानी पिएं।

इन नुस्खों से माइग्रेन को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। इनका नियमित इस्तेमाल माइग्रेन के लक्षणों में राहत प्रदान करता है और बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को आराम पहुंचाता है।