चुनाव पूर्व बिहार सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इनके मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। अब आशा कार्यकर्ताओं को तीन हजार रुपये तथा ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव छह सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि नवंबर 2005 में सरकार गठन के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उनके इसी योगदान को देखते हुए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
पूर्व में आशा को एक हजार रुपये और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव तीन सौ रुपये मिलते थे। अब यह राशि बढ़ाकर क्रमश: तीन हजार और छह सौ रुपये कर दी गई है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं भी और अधिक सुदृढ़ होंगी।
गौरतलब है कि ममता कार्यकर्ताओं की बहाली वर्ष 2008 में शुरू हुई थी और शुरुआत में प्रति प्रसव सौ रुपये की राशि दी जाती थी, जिसे बाद में बढ़ाकर तीन सौ रुपये किया गया। हाल के वर्षों में ममता कार्यकर्ता संघ लगातार मानदेय वृद्धि की मांग कर रहा था। अब महंगाई के मद्देनज़र यह राशि बढ़ाई गई है।
ममता कार्यकर्ता जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में प्रसव उपरांत मां और नवजात को सेवाएं प्रदान करती हैं। वहीं आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की देखरेख, टीकाकरण, परिवार नियोजन और रोग निवारण जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाती हैं।