बिहार: शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने के सवाल पर सियासत

2 नवंबर को गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटने वाले हैं। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और भाजपा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। मंगलवार को पटना में दोनों नेताओं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर बिहार सरकार पर सवाल उठाए। 

सांसद चिराग पासवान ने कहा कि नियुक्ति पत्र पुन: एक झुनझुना है। जब जब चुनाव होता है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस तरह की योजना करते हैं। बैक डोर से वह इंट्री करवा रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें हस्ताक्षर तक करना नहीं आता है, उन्हें नौकरी दे दी गई है। जिनके पास बिहार सरकार ने मंत्रियों से पैरवी और पहुंच है, उनकी ही बहाली की जा रही है। इसी कारण से शिक्षकों में काफी आक्रोश है। चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के हर विभाग में इसी तरह की नियुक्तियां होती बैक डोर से भ्रष्टाचार के माध्यम से। जनता सब जान रही है। आने वाले चुनाव में जनता जरूर जवाब देगी। 

चिराग पासवान ने कहा कि हमलोग सभी 40 सीट पर अपना संगठन मजबूत कर रहे हैं। हमारे प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के नेतृत्व में पार्टी के हर एकलोक प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि अलग-अलग लोकसभा सीटों पर अपनी यात्रा पर निकले हुए हैं। यह हर लोकसभा में अपने संगठन को मजबूत करने की तैयारी चल रही है। चिराग पावान ने कहा कि हर वह लोकसभा जहां से लोजपा चुनाव लड़ेगी, वहां संगठन मजबूत हो, साथ ही जहां पर एनडीए गठबंधन चुनाव लड़े वहां पर हमारे संगठन का लाभ मिले। लोगों का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। 

विजय सिन्हा बोले- जो नियुक्ति हो रही है वह पूरी तरह से घोटाला है
2 नवंबर को नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि 33 वर्ष से बड़े भाई छोटे भाई नियुक्ति क्यों रोके हुए थे और यह जो नियुक्ति हो रही है वह पूरी तरह से नियुक्ति घोटाला है। पूरी तरह से घोर अनियमिता और अराजकता के माहौल में कई शिकायत लोगों ने दी है। और, रिजल्ट में शिकायत है बिना रिजल्ट के समाधान और बिना रिजल्ट पर आपत्ती लिए नियुक्ति पत्र बांटना बेईमानी है और यह बेईमानी की मानसिकता यहां के युवाओं के मन में आक्रोश उत्पन्न कर रहा है। 

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