बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर जारी विवाद के बीच अब पश्चिम बंगाल से भी इस प्रक्रिया की मांग उठने लगी है। राज्य भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा है कि बंगाल में भी एसआईआर आवश्यक है, अन्यथा स्थिति चिंताजनक रूप ले सकती है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था और जनसंख्या संतुलन जैसे मुद्दों पर गंभीर संकट खड़ा हो रहा है। “अगर ममता बनर्जी कहती हैं कि राज्य विकास की राह पर है, तो फिर इतनी बड़ी संख्या में लोग पलायन क्यों कर रहे हैं?” उन्होंने यह सवाल उठाते हुए कहा कि मालदा जिला देश में नकली मुद्रा के प्रसार का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है और यहां से कुल फेक करंसी का 72 फीसदी हिस्सा आता है।
“एसआईआर जरूरी, नहीं तो बन जाएगा ‘पश्चिमी बांग्लादेश’”
भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते वोटर लिस्ट की गहन जांच नहीं की गई, तो बंगाल की स्थिति भयावह हो सकती है। उन्होंने कहा, “आज जिस प्रकार की सामाजिक संरचना बनती जा रही है, वह हमें मध्ययुगीन समय की याद दिलाती है। बहुसंख्यक समुदाय की एकता खतरे में है।”
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब बिहार में एसआईआर को लेकर पहले से ही राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी जहां वोटर सूची की शुद्धता की बात कर रही है, वहीं विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया चुनिंदा समुदायों को सूची से हटाने की कवायद है।
बिहार में भी विपक्ष ने जताई आपत्ति
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने तक की मांग की। शुक्रवार को इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए नोटिस भी दिया गया। विपक्षी दलों का कहना है कि मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाए जा रहे हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक संकेत है।