बिहार में मतदाता सूची का मसौदा कल होगा जारी, 1 सितंबर तक दावे-आपत्तियों का मौका

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को जानकारी दी कि बिहार में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची का मसौदा 1 अगस्त को जारी किया जाएगा। इस सूची पर आपत्तियों या सुधारों के लिए राजनीतिक दलों और आम नागरिकों को 1 सितंबर तक का समय मिलेगा।

सीईसी के अनुसार, बिहार के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची की प्रिंट और डिजिटल प्रतियां उपलब्ध कराएंगे। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) और सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) एक महीने तक नागरिकों और दलों से सुझाव व आपत्तियां प्राप्त करेंगे।

तीन चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया

चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न की जा रही है।

  • पहले चरण में 24 जून से 25 जुलाई तक आंकड़े एकत्रित किए गए।
  • दूसरे चरण में 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच नागरिक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार कराने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
  • तीसरे और अंतिम चरण में 25 सितंबर तक ईआरओ सभी प्राप्त दावों और आपत्तियों की जांच कर उनका निस्तारण करेंगे।

एसआईआर के प्रमुख उद्देश्य
इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार में कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। विशेष जोर अस्थायी प्रवासियों, शहरी निवासियों, युवाओं और अन्य वंचित वर्गों को सूची में शामिल करने पर रहेगा। साथ ही, सभी राजनीतिक दलों और आम मतदाताओं को पारदर्शिता के साथ जानकारी दी जाएगी। मतदाता सूची तैयार करने में वॉलंटियर्स और चुनाव कर्मियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

विपक्षी दलों के आरोप

मुख्य चुनाव आयुक्त का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि दस्तावेजों की कमी के चलते कई योग्य नागरिकों के नाम सूची से छूट सकते हैं। साथ ही, यह आशंका भी जताई जा रही है कि सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू गठबंधन, स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित कर सकता है। यही मुद्दा संसद के मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों द्वारा बार-बार उठाया जा रहा है।

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