बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि उन्हें न तो देश के हितों की परवाह है और न ही संसद की कार्यप्रणाली की समझ। दुबे का कहना है कि राहुल गांधी द्वारा एसआईआर (SIR) का विरोध इस बात का संकेत है कि वे अपने पिता राजीव गांधी द्वारा लाए गए कानून से भी अनभिज्ञ हैं।
राहुल गांधी पर आरोप: न गंभीर राजनीति, न संसद की जानकारी
निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी संभवतः देश के इतिहास में पहले ऐसे विपक्षी नेता हैं जिनकी राष्ट्रीय हितों में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी की संसद में उपस्थिति बेहद कम रही है और वे केवल क्षणिक तौर पर मीडिया में दिखाई देते हैं। दुबे ने तंज करते हुए कहा कि क्या किसी ने उन्हें गंभीर राजनीतिक चर्चा करते हुए देखा है?
संसदीय नियमों का पालन नहीं करते: दुबे
बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि संसद के नियमों की जानकारी होना एक सांसद के लिए अनिवार्य है, लेकिन राहुल गांधी नियमों की अनदेखी करते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संसद का नियम 349 स्पष्ट करता है कि कोई भी सदस्य अपने भाषण के तुरंत बाद सदन नहीं छोड़ सकता, जबकि राहुल गांधी ऐसा करते हैं और बाद में माइक न मिलने की शिकायत करते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल को कम से कम मल्लिकार्जुन खड़गे से सीख लेनी चाहिए कि संसदीय प्रक्रिया क्या होती है।
एसआईआर कानून पर विवाद
निशिकांत दुबे ने बिहार में चल रहे एसआईआर अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि यह वही कानून है जिसे उनके पिता राजीव गांधी ने युवाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया था। दुबे के अनुसार, एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची से अपात्र नामों को हटाना है, जिनमें बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के समर्थन से सरकार नहीं बनाई जा सकती।
ऑपरेशन सिंदूर और पीओके पर टिप्पणी
दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी बयान दिया और कहा कि प्रोविजनल रिपोर्ट के मुताबिक यह अभियान सफल रहा है। उन्होंने कहा कि स्थायी सफलता तब मानी जाएगी जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से कहा कि अब पाकिस्तान से बात केवल उस हिस्से की वापसी पर होगी जिस पर 1947 से कब्जा है।
इमरान प्रतापगढ़ी का पलटवार
बीजेपी सांसद के बयानों पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पलटवार करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे संसद का इस्तेमाल विपक्ष को निशाने पर लेने के लिए करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले यह भूमिका स्मृति ईरानी निभाती थीं और अब वही काम निशिकांत दुबे को सौंपा गया है। प्रतापगढ़ी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें खासतौर पर इसी जिम्मेदारी के लिए चुना है।