राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई वीरेंद्र और मनेर के एक पंचायत सचिव के बीच कथित टेलीफोनिक बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंचायत सचिव संदीप कुमार के पैतृक गांव बेलदारी, थाना मुफस्सिल बेतिया में इस प्रकरण को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
स्थानीय नागरिक मोहम्मद अबुलेश कैस और राजेंद्र शर्मा ने संदीप को एक शालीन और कर्तव्यनिष्ठ युवक बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा इस प्रकार की भाषा और व्यवहार बेहद निंदनीय है।
इस बीच, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव ने भी इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए पूछा कि क्या पार्टी अपने विधायक के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिसने अनुसूचित जाति-जनजाति समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की और जान से मारने की धमकी दी। तेज प्रताप ने कहा कि उन्हें तो पार्टी से बाहर कर दिया गया, अब यह देखना होगा कि अन्य मामलों में पार्टी समान मापदंड अपनाती है या नहीं।
संदीप के पिता की प्रतिक्रिया
संदीप कुमार के पिता ने बेटे की ईमानदारी और संघर्षों की कहानी साझा करते हुए कहा कि उसका बचपन कठिनाइयों में बीता है। मां की मृत्यु के बाद दादी ने उसे पाला और कठिन परिश्रम के बल पर उसने प्रशासनिक पद हासिल किया। उन्होंने कहा कि संदीप हमेशा से आत्मसम्मान को सर्वोपरि मानता आया है।
क्या है पूरा मामला
विवाद उस समय खड़ा हुआ जब विधायक और पंचायत सचिव की बातचीत का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें विधायक सचिव को धमकी देते और जूतों से मारने की बात कहते सुने जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि एक मृतक के प्रमाण पत्र को लेकर विधायक ने सचिव से बात की थी, लेकिन सचिव उन्हें पहचान नहीं सके, जिससे विधायक नाराज़ हो गए।