राजद से निष्कासित पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले की महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा की है। शनिवार शाम पटना स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि वे अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत एक बार फिर महुआ से करेंगे।
“अब जनता का समर्थन मेरे साथ है”
तेज प्रताप यादव ने कहा, “मैं इस बार महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। मेरे विरोधियों को अब बेचैनी हो रही होगी। जनता का समर्थन मेरे साथ है और ‘टीम तेज प्रताप यादव’ नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बड़ी संख्या में लोग मेरे साथ जुड़ चुके हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे उन लोगों की आवाज़ बनेंगे जो युवाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर बात करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि इस बार नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।
हसनपुर छोड़कर फिर महुआ की ओर रुख
तेज प्रताप वर्तमान में समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से विधायक हैं। हालांकि, अब उन्होंने 2015 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत जिस महुआ सीट से की थी, वहीं से वापसी का फैसला लिया है। उस चुनाव में जीत दर्ज कर वे मंत्री बने थे, जबकि 2020 में उन्होंने हसनपुर से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया था।
पार्टी से बाहर होने के बाद स्वतंत्र राह
तेज प्रताप यादव को उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने 25 मई 2024 को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर एक महिला से कथित संबंध को लेकर वायरल हुई पोस्ट के बाद की गई थी, जिसे तेज प्रताप ने बाद में ‘हैकिंग’ का मामला बताया था। पार्टी से निष्कासन के समय लालू यादव ने सार्वजनिक तौर पर तेज प्रताप के आचरण को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया था।
तेजस्वी यादव से भी मतभेद जाहिर
निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्हें और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच जानबूझकर दूरी पैदा की गई। उन्होंने ‘जयचंद’ शब्द का प्रयोग करते हुए राजद के कुछ नेताओं पर विश्वासघात का भी आरोप लगाया।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप का महुआ से चुनाव लड़ना राजद के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर उस क्षेत्र में जहां पार्टी का पारंपरिक जनाधार रहा है।
तेज प्रताप यादव बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों—लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी—के पुत्र हैं। उन्होंने 2015 में राजनीति में कदम रखा था और राज्य सरकार में स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।