दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की, जिसमें उसने अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की अनुमति मांगी है।
विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें। इसके साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 1 अगस्त तय की है। सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने बताया कि आरोपी को जेल में बिस्तर और गद्दा उपलब्ध करा दिया गया है।
चार्जशीट में राणा की भूमिका का खुलासा
इससे पहले 23 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दाखिल चार्जशीट में यह सामने आया था कि तहव्वुर हुसैन राणा, जो कि कनाडा का नागरिक है, ने 2008 के मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हेडली की सहायता की थी। राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को जासूसी गतिविधियों के लिए मुंबई में एक फर्जी कार्यालय स्थापित करने में मदद दी, जिससे हमले की साजिश को अंजाम दिया गया। इस हमले में 170 से अधिक लोगों की जान गई थी।
एनआईए की जांच और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
एनआईए के अनुसार, राणा से पूछताछ में कई अहम जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं। एजेंसी ने इन बयानों की पुष्टि के लिए अमेरिका को म्युचुअल लीगल असिस्टेंस (MLAT) के तहत अनुरोध भेजा है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि अमेरिका से प्राप्त जानकारी से इस अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा सकेगी।
प्रत्यर्पण के बाद भारत में जारी है पूछताछ
राणा को 2025 की शुरुआत में अमेरिका से भारत लाया गया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे अप्रैल माह में भारत प्रत्यर्पित किया गया। दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के तहत उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
राणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (राजद्रोह), 302 (हत्या), 468 और 471 (जालसाजी), तथा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया गया है। उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग का महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है। एनआईए जांच को आगे बढ़ा रही है और भविष्य में और चार्जशीट दाखिल की जा सकती हैं।