नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) स्थापित करने के लिए जिन क्षेत्रों में काम चल रहा है, वहां चरणबद्ध तरीके से मोहल्ला क्लीनिक हटाए जाएंगे। यह निर्णय 17 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
बैठक के मिनट्स के अनुसार, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 1139 उपकेंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 70 केंद्रों का निर्माण मई 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2025-26 में 123 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भी मंजूर किए गए हैं।
दिल्ली में वर्तमान में 553 मोहल्ला क्लीनिक हैं, जिनमें से केवल 11 सरकारी भवनों में स्थित हैं। नई योजना के तहत, उत्तरी दिल्ली में छह, पश्चिम में आठ, पूर्व में पांच, दक्षिण में छह, मध्य में आठ, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में आठ-आठ, दक्षिण-पूर्व में छह, शाहदरा में सात और उत्तर-पूर्व तथा नई दिल्ली में चार-चार आरोग्य मंदिर स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में यह बताया गया कि अगर नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर किसी क्षेत्र की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरी तरह से पूरा कर सकते हैं, तो आस-पास के मोहल्ला क्लीनिक हटाए जाएंगे।
इसके साथ ही, मौजूदा डॉक्टर और पैरा-मेडिकल स्टाफ को अस्थायी तौर पर एक साल तक काम करने की अनुमति दी जाएगी, या जब तक नए स्टाफ की नियुक्ति नहीं होती। उनकी नियुक्ति दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के दिशा-निर्देशों के तहत जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में की जाएगी।
बैठक में 11 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) की प्रगति पर भी चर्चा की गई, और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, ताहिरपुर को मॉडल आईपीएचएल के रूप में चुना गया। साथ ही, नई दिल्ली जिले में अस्पताल की कमी को देखते हुए वहां जगह तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।