राजधानी में हवा की दिशा बदलने और स्थानीय परिस्थितियों के चलते वायु गुणवत्ता फिर से तेजी से बिगड़ रही है। मंगलवार सुबह हल्के कोहरे और धुंध के साथ दिन की शुरुआत हुई। आसमान में स्मॉग की परत भी दिखाई दी, जिससे दृश्यता कम रही। शहर में लोग मास्क लगाकर नजर आए और सांस संबंधी समस्याओं वाले लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।

मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 372 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह सोमवार की तुलना में 68 अंक अधिक है। एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही, जहां AQI 395 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में 378, गाजियाबाद में 361 और गुरुग्राम में 277 AQI रीडिंग मिली। फरीदाबाद में हवा अपेक्षाकृत साफ रही, यहाँ सूचकांक 248 दर्ज हुआ।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समीर एप के अनुसार, दिल्ली के 39 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 16 ने 400 से अधिक रीडिंग दर्ज की और वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा। इस श्रेणी के इलाकों में बुराड़ी, आनंद विहार, मुंडका, बवाना, विवेक विहार, रोहिणी, सोनिया विहार, अशोक विहार और पंजाबी बाग शामिल हैं।

AQI रीडिंग के मानक अनुसार, वायु गुणवत्ता को छह श्रेणियों में बांटा गया है: अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम प्रदूषित (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500)।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के निर्णय समर्थन सिस्टम के आंकड़ों के मुताबिक, खराब AQI में वाहन प्रदूषण का योगदान 18.425%, निर्माण गतिविधियों का 2.459%, आवासीय प्रदूषण का 4.69%, और पेरिफेरल उद्योग का 9.222% रहा। मंगलवार को हवा उत्तर दिशा में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1150 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 2500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दोपहर 3 बजे PM10 की मात्रा 349.1 और PM2.5 की मात्रा 196.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।

CPCB के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार तक राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। इसके चलते सांस संबंधी समस्याओं वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं आम लोगों को आंखों में जलन जैसी परेशानी हो सकती है।