दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में मॉडल हेल्थ लैब की स्थापना, ब्रेन हेल्थ क्लीनिक खोलने, सरकारी अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक शुरू करने और तिब्बिया कॉलेज में डेंटल केयर सुविधा शुरू करने को लेकर विस्तृत निर्देश दिए गए।
हर जिले में होंगे मानसिक स्वास्थ्य केंद्र
डॉ. सिंह ने बताया कि राजधानी के सभी जिलों में जल्द ही ब्रेन हेल्थ क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। ये क्लीनिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करेंगे। द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल में पहले से संचालित ब्रेन हेल्थ क्लीनिक को मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
मॉडल हेल्थ लैब और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के निर्देश
राजधानी में मॉडल हेल्थ लैब की स्थापना पर ज़ोर देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यहां लोगों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य जांच की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मानसून के दौरान सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की कोई कमी न हो। खास तौर पर इमरजेंसी दवाओं की आपूर्ति में कोई बाधा न आने पाए, इसके लिए दवा खरीद प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के आदेश दिए गए।
अस्पतालों में जल्द बनेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खुद अस्पतालों का निरीक्षण कर उपयुक्त स्थानों का चयन करें, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके।
डायलिसिस मशीनों की संख्या बढ़ेगी 300 से अधिक
बैठक में दिल्ली के अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं सुलभ कराने पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस मशीनें शीघ्र स्थापित की जाएं और इनकी संख्या 300 से अधिक की जाए, ताकि मरीजों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।
आयुष्मान योजना से 11 और निजी अस्पताल होंगे शामिल
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि वर्तमान में दिल्ली के 61 निजी और 25 सरकारी अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं, जहां मरीजों को कैशलेस इलाज मिल रहा है। जल्द ही 11 और निजी अस्पताल इस योजना से जोड़े जाएंगे। साथ ही उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों को हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को बेहतर और सुचारु सेवा मिल सके।
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