झुग्गी हटाने पर राहुल गांधी का हमला, कहा- ‘यह सिर्फ घर नहीं, सम्मान और सपनों का विनाश है’

दिल्ली के अशोक विहार क्षेत्र में स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर की झुग्गियों को गिराए जाने पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गहरी चिंता जताते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया कि अगर किसी के माता-पिता, भाई-बहन या बच्चों के सिर से एक झटके में छत छिन जाए तो कैसा महसूस होगा?

राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले सैकड़ों गरीब परिवार इसी पीड़ा से गुजर रहे हैं। जिन छोटे-छोटे आशियानों में उन्होंने अपना जीवन खड़ा किया था, उन्हें सरकार ने बेदर्दी से उजाड़ दिया।

‘यह केवल मकान नहीं, सम्मान और उम्मीदों का सवाल है’

राहुल गांधी ने कहा कि ये सिर्फ चारदीवारी नहीं थी, बल्कि इन घरों में लोगों के सपने, आत्म-सम्मान और जीवन का आधार था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक कार्रवाई के नाम पर जो कुछ किया गया, वह गरीबों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता और सत्ता के अहंकार को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस इन प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और यह लड़ाई केवल पुनर्वास की नहीं, बल्कि इंसाफ और इंसानियत की है।

झुग्गी बस्तियों का किया दौरा, लोगों से मिले

मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को राहुल गांधी ने अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर की झुग्गियों का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों से संवाद कर उनकी परेशानियों को समझा। गांधी ने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को संसद से लेकर न्यायालय तक उठाया जाएगा।

रविवार को उन्होंने अपने दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए भाजपा सरकार की आलोचना दोहराई।

सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

गौरतलब है कि 16 जून को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अशोक विहार इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया था, जिसमें सरकारी जमीन पर बनी झुग्गियों को हटाया गया। इस कार्रवाई में लगभग 200 घरों को गिरा दिया गया, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए।

डीडीए का कहना है कि जेलरवाला बाग के कई निवासियों को पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट आवंटित किए जा चुके थे, जबकि वजीरपुर क्षेत्र में रेलवे की भूमि को खाली कराया गया।

सैकड़ों परिवारों का भविष्य अधर में

डीडीए द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1675 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से 985 का आवंटन किया गया। हालांकि, करीब 250 परिवार ऐसे हैं जिन्हें न तो फ्लैट मिले और न ही उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त हुआ। इन परिवारों के मकानों को गिरा दिया गया, जिससे वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

कुछ लोगों ने यह आरोप भी लगाया कि उनके पास कोर्ट से स्टे ऑर्डर होने के बावजूद उनके घर तोड़ दिए गए। जिन लोगों को फ्लैट मिले हैं, उन्होंने वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 30 से 35 वर्षों से इन झुग्गियों में रह रहे थे।

राजनीतिक हमले तेज

इस अभियान को लेकर आम आदमी पार्टी और दिल्ली कांग्रेस, दोनों ने भाजपा पर तीखा हमला किया है। उनका आरोप है कि पुनर्वास की प्रक्रिया अधूरी है और गरीबों को न्याय नहीं मिल पा रहा।

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