आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हुई हल्की बारिश के बाद उत्पन्न हालात पर चिंता जताते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महज़ 10 मिनट की बारिश में दिल्ली की तैयारियों की पोल खुल गई है। शहर का सबसे महत्वपूर्ण और महंगा इलाका कनॉट प्लेस जलभराव से जूझता नजर आया, जहां सड़कें पानी में डूब गईं और यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि अगर राजधानी का वीआईपी क्षेत्र ही जलमग्न हो गया, तो बाकी शहर—झुग्गी-झोपड़ियों, गांवों और कॉलोनियों की हालत का अंदाज़ा सहज लगाया जा सकता है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा, “क्या यही है चार इंजन वाली सरकार की रफ्तार?”

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‘पूरा तंत्र एक ही दल के पास, फिर जिम्मेदारी तय क्यों नहीं होती?’

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली की एलजी, भाजपा शासित नगर निगम और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर एक साथ निशाना साधते हुए कहा कि जब समूचा शासन तंत्र एक ही दल के अधीन है, तो फिर लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने में देर क्यों हो रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अब तक कोई ठोस कार्य नहीं किया और राजधानी को केवल इवेंट और फोटोशूट की राजनीति तक सीमित कर दिया है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि रेखा गुप्ता सरकार ने अभी तक ज़मीनी स्तर पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। जनता ने बदलाव की उम्मीद की थी, लेकिन न तो नाले साफ़ हुए, न जल निकासी की व्यवस्था बनाई गई, और न ही बारिश से निपटने की कोई तैयारी दिखी।

केजरीवाल का तंज—"सिर्फ शुरुआत है, असली परीक्षा बाकी है"

केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि दिल्ली के नागरिक खुद तुलना कर रहे हैं कि जब आम आदमी पार्टी सरकार में थी, तो मानसून से पहले व्यापक सफाई अभियान और जलभराव रोकने के इंतजाम होते थे, जिनका असर सड़कों पर नजर आता था।

उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा का "चार इंजन मॉडल" इसी तरह अलग-अलग दिशाओं में बिखरा रहेगा, जबकि जनता जवाब और राहत दोनों की उम्मीद कर रही है? उन्होंने चेताया कि मानसून की यह केवल शुरुआत है, लेकिन शुरुआती नतीजे भाजपा सरकार के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं।