उत्तर-पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर स्थित भगत सिंह कॉलोनी में रविवार सुबह एक दो मंजिला मकान में आग लग गई। हादसे में दूसरी मंजिल पर मौजूद एक महिला की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई। मृतका की पहचान मंजू जैन उर्फ गुड्डी (45 वर्ष) के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की चार गाड़ियां और पुलिस मौके पर पहुंची।
ग्राउंड फ्लोर पर चल रही थी गद्दे की फैक्ट्री
आग मकान के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित गद्दे बनाने की फैक्ट्री से शुरू हुई, जहां फोम, कपड़ों के टुकड़े और केमिकल रखे गए थे। आग लगने के बाद पहली और दूसरी मंजिल पर रह रहे छह लोग उसमें फंस गए। पांच लोगों ने छत पर चढ़कर पड़ोसी की छत की ओर लकड़ी की सीढ़ी से उतरकर खुद को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन मंजू दूसरी मंजिल पर फंस गईं।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ दिया दम
दमकल कर्मियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसके बाद जब वे दूसरी मंजिल तक पहुंचे तो मंजू बेहोशी की हालत में मिलीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका
मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना जताई जा रही है। न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फैक्ट्री संचालक की तलाश जारी है।
आग बुझाने में आईं दिक्कतें, दरवाजे पर था ताला
दमकल अधिकारियों के अनुसार, फैक्ट्री के मुख्य द्वार पर बाहर से ताला लगा हुआ था, जिसे काटकर अंदर प्रवेश किया गया। साथ ही ऊपरी मंजिलों की सीढ़ी पर भी सुरक्षा के चलते ताला लगाया गया था, जिसे काटने के बाद राहत कार्य संभव हो सका।
हादसे के समय घर में कौन-कौन था मौजूद
दूसरी मंजिल पर मंजू अपने पति आदेश जैन, बेटे पारस और बेटी रिया के साथ रहती थीं। पति आदेश बाहर नौकरी करते हैं और बेटा उस समय बालाजी मंदिर दर्शन के लिए गया हुआ था। मंजू और रिया ही घर में थीं। वहीं, पहली मंजिल पर अजय जैन अपनी पत्नी शालू और दो बेटों के साथ रहते हैं। सुबह शालू के पानी का मोटर चलाने के लिए उठने पर उन्हें धुएं और आग का अहसास हुआ। उन्होंने तुरंत परिवार को जगाया और सभी छत की ओर भागे।
धुएं से भर गया था पूरा घर
घटना के दौरान जीना गर्म हो चुका था और चारों ओर घना काला धुआं भर गया था। सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। सभी छत पर पहुंचकर पड़ोसी की छत के जरिए नीचे उतरे, लेकिन मंजू तब तक वहां फंसी रह गईं।