नई दिल्ली। दिल्ली के छतरपुर स्थित कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर से शुक्रवार को बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। इस आध्यात्मिक यात्रा में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी और मंत्री कपिल मिश्रा समेत कई राजनेता, संत और समाजसेवी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पदयात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए इसे “एक अलौकिक और भावनात्मक अनुभव” बताया। यह यात्रा 7 नवंबर से प्रारंभ होकर 16 नवंबर को वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर तक पहुँचेगी। यात्रा का उद्देश्य देश में सनातन संस्कृति, एकता और आध्यात्मिक चेतना का संदेश फैलाना है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा शुरू की गई 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025' में शामिल हुईं। pic.twitter.com/HUpWCxXr96
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2025
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा “तलवारों की नहीं, विचारों की लड़ाई” है और इसका लक्ष्य सनातन विचार और राष्ट्रवाद को पुनर्जीवित करना है। पदयात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के छह जिलों के लगभग 422 ग्राम पंचायतों से गुजरेगी और इसकी कुल दूरी लगभग 150 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 40,000 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है और यह संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है।
यात्रा के दौरान हर दिन सात संकल्प लिए जाएंगे, जिनमें यमुना माता का शुद्धिकरण, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना, श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण, ब्रज क्षेत्र में मदिरा पर प्रतिबंध, धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक तथा सामाजिक समरसता स्थापित करना शामिल है।
धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया कि यात्रा में किसी भी प्रकार के हथियार की अनुमति नहीं है और माताओं-बहनों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा का एक दिन सिख गुरु तेग बहादुर की शहादत को और एक दिन किसानों को समर्पित होगा।
इस पदयात्रा में देशभर से संत, महंत, अभिनेता, खिलाड़ी और राजनेता शामिल हो रहे हैं। शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा किसी राजनीतिक दल के समर्थन या विरोध में नहीं है, बल्कि विचारों की क्रांति और सनातन परंपरा की पुनरावृत्ति के लिए है।