नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि एक माह बीत जाने के बाद भी देश को अब तक सीजफायर से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर नहीं मिले हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा गलत है कि उन्होंने व्यापारिक दबाव डालकर संघर्षविराम कराया, तो सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।

संजय सिंह ने कहा कि ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से एक बार नहीं, बल्कि कई बार कहा कि उन्होंने व्यापार बंद करने की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने का सुनहरा अवसर केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते गंवा दिया।

CDS और वायुसेना प्रमुख की टिप्पणियों पर सवाल
आप सांसद ने कहा कि देश जानना चाहता है कि जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने सवाल उठाया था कि विमान क्यों गिरे, तो इसका उत्तर कौन देगा? प्रधानमंत्री संसद में आकर जवाब क्यों नहीं देते? वायुसेना प्रमुख भी कह चुके हैं कि वायुसेना को आवश्यक हथियार और जेट समय पर नहीं मिल रहे, जो एक चिंता का विषय है।

सर्वदलीय बैठक से अनुपस्थिति पर भी उठे सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि जब दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हो रही थी, तब प्रधानमंत्री बिहार में चुनावी रैली में व्यस्त थे, फिल्मी कलाकारों से मिल रहे थे, और राज्यों में उद्घाटन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में हैं। ऐसे में देश यह जानना चाहता है कि वे इस बैठक में शामिल क्यों नहीं हुए।

विदेश दौरों की उपलब्धियों पर भी उठाया सवाल
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं को लेकर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक 129 बार 73 देशों का दौरा किया है, लेकिन जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी, तो कोई पड़ोसी देश भारत के साथ खुलकर नहीं आया। नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देशों की चुप्पी पर भी उन्होंने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्रपति, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पैर छुए थे, उन्होंने भी भारत का समर्थन नहीं किया।