नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती के अवसर पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी में राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, विपक्षी नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य राजनेताओं ने गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीजी को नमन करते हुए कहा कि उनके आदर्श आज भी भारत के विकास की दिशा तय कर रहे हैं। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बापू ने यह दिखाया कि साहस और सादगी के जरिए बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। उन्होंने सेवा और करुणा को समाज सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण आधार बताया और कहा कि उनका मार्ग अपनाकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

गांधीजी का जीवन और विचार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक स्तंभ रहे। दो अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग से लाखों लोगों को स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में उनकी हत्या ने देश को गहरे शोक में डाला।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि गांधी जयंती हमें उनके आदर्शों और जीवन मूल्यों के प्रति पुनः समर्पित होने का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने समाज के कमजोर व्यक्तियों को शक्ति और संबल प्रदान किया और नैतिकता, सदाचार तथा श्रम की गरिमा को प्रतिष्ठित किया। राष्ट्रपति ने सभी से यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि वे सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को स्वावलंबी, सशक्त और समृद्ध बनाएंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांधीजी के मार्ग का महत्व बताते हुए कहा कि भारत ने सत्य, अहिंसा और स्वदेशी के सहारे सदियों की गुलामी से आजादी प्राप्त की। उन्होंने इस दिन को पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत करार दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी राज्य सचिवालय में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गांधीजी के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन हमें नफरत और हिंसा के बजाय शांति, भाईचारा और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों से राष्ट्र को एकजुट करना बापू का महान योगदान रहा।

इस अवसर पर देशभर में गांधीजी के विचारों और उनके बलिदान को याद कर विशेष कार्यक्रम और देशभक्ति संदेश आयोजित किए गए।