दिल्ली सरकार ने शराब कारोबार में पारदर्शिता और प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब थोक विक्रेताओं और शराब की दुकानों को पेमेंट केवल ऑनलाइन जनरेट चालान के आधार पर मिलेगा। सरकार ने पारंपरिक हस्ताक्षरित कागजी चालान की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।
दिल्ली के आबकारी विभाग द्वारा 24 जुलाई को जारी सर्कुलर के मुताबिक, पहले शराब की आपूर्ति के बाद थोक विक्रेताओं को दुकानों से हस्ताक्षरित कागजी चालान लेना पड़ता था, जिससे उत्पाद शुल्क भुगतान में विलंब होता था। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। जैसे ही दुकानों, होटलों या रेस्तरां को स्टॉक प्राप्त होगा, चालान ऑटोमेटिक सिस्टम से तैयार हो जाएगा और थोक विक्रेताओं को भी तुरंत उपलब्ध हो जाएगा।
ऑनलाइन चालान ही मान्य साक्ष्य
नई व्यवस्था में यह स्पष्ट किया गया है कि निगम केवल ऑनलाइन चालान को ही डिलीवरी का प्रमाण मानेंगे। इसमें किसी भी प्रकार के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे भुगतान प्रक्रिया और सरल और त्वरित हो जाएगी। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।