नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली इस समय गंभीर प्रदूषण की चपेट में है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान में हैं और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जर्मनी गए हुए हैं। राजधानी अब “गैस चैंबर” बन गई है और किसी को दिल्लीवासियों की सेहत की चिंता नहीं है।
प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण केवल केंद्र सरकार की सक्रियता से ही कम हो सकता है, लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में जब आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता में थी, तब दिसंबर महीने में इतनी खतरनाक हवा नहीं थी।
पराली और दिल्ली का अपना प्रदूषण
केजरीवाल ने पराली जलाने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि इस समय पंजाब में पराली नहीं जली है और वहां के शहरों का एक्यूआई 70 से 100 के बीच है। ऐसे में दिल्ली में जो प्रदूषण है, वह स्थानीय स्तर का है और इसकी जिम्मेदारी दिल्ली और केंद्र सरकार की है।
एक्यूआई आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा दिल्ली सरकार पर एक्यूआई आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि मॉनिटरिंग स्टेशनों के पास पानी छिड़ककर प्रदूषण कम दिखाने की कोशिश की जा रही है, जबकि वास्तविक एक्यूआई 700 से 800 के बीच पहुंच चुका है।
ग्रैप-4 और ठोस कार्रवाई की कमी
केजरीवाल ने ग्रैप-4 (ग्रीन रेजिडेंशियल एंड प्रॉडक्शन) के क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह केवल कागजों तक सीमित रह गया है, खुलेआम निर्माण कार्य जारी हैं और सरकार प्रदूषण रोकने को गंभीर नहीं है। उन्होंने बीजिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ठोस कार्रवाई से हवा साफ हुई, लेकिन दिल्ली में ऐसा प्रयास नहीं हो रहा।